Friday, April 26, 2024
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बिजली कटौती का स्थाई समाधान जरूरी-चैंबर

डीवीसी कमांड एरिया के सातों जिलों में जारी पावरकट की समस्या के स्थाई समाधान हेतु फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने मुख्यमंत्री से शीघ्र हस्तक्षेप की अपील की। चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष डीवीसी और जेबीवीएनएल के आपसी विवाद से आम उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना करना पडता है। सरकार द्वारा भी इस मामले के स्थाई समाधान में तत्परता नहीं दिखाई जाती, जिस कारण यह समस्या सदैव बनी रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड की चुनौतियां अभी समाप्त नहीं हुई हैं, देश में ओमिक्रोन तेजी से फैलता जा रहा है, इसी बीच व्यापार जगत पावरकट के अतिरिक्त चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। चिंतनीय है कि स्टेकहोल्डर्स को रोजगार सृजन के साथ ही सरकार को समय पर टैक्स का भुगतान करने की भी बाध्यता है अन्यथा व्यापारियों को जुर्माने का सामना करना पडता है। किंतु यह यथार्थ है कि औद्योगिक इकाईयों का संचालन जेनरेटर के भरोसे नहीं हो सकता।

चैंबर अध्यक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि दो प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों के आपसी विवाद के कारण प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बाधित करना कहां तक न्यायसंगत है? जब उपभोक्ताओं ने समयपूर्वक स्वयं द्वारा उपभोग किये गये बिजली शुल्क का भुगतान कर दिया है, ऐसे में उन्हें निर्बाध बिजली मिलना उनका अधिकार है। सरकार का भी यह दायित्व है कि वह उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराये। यदि 21 वर्षों में भी हमारा प्रदेश निर्बाध विद्युत आपूर्ति में सक्षम नहीं हो सका है, तब सरकार को इसके कारणों की समीक्षा करनी चाहिए अन्यथा इससे राज्य में नये निवेश बाधित होंगे।

हेल्थ उप समिति की बैठक

चैंबर के हेल्थ उप समिति की बैठक आज चैंबर भवन में संपन्न हुई। झारखण्ड समेत देश के अन्य राज्यों में ओमिक्रोन के बढते मामलों पर चिंता जताते हुए उप समिति चेयरमेन डॉ0 अभिषेक रामाधीन ने लोगों विषेशकर व्यापार जगत से कोविड व्यवहार के नियमों का पालन करने की अपील की। यह कहा कि झारखण्ड में स्थिति नियंत्रित रहे, इसलिए व्यापारी अपनी दुकान/प्रतिष्ठान में कोविड के नियमों का पालन सुनिष्चित करें और दुकान में आनेवाले ग्राहकों को भी प्रेरित करें। बैठक के दौरान यह कहा गया कि देखा जा रहा है कि डबल वैक्सीनेटेड लोगों को भी ओमिक्रोन हो रहा है किंतु चिंतनीय है कि एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर डबल वैक्सिेनशन सर्टिफिकेट दिखाने पर जांच नहीं किया जा रहा है। यह भी कहा गया कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान राज्य में दवा, अस्पताल में बेड, वेंटिलेटर्स इत्यादि की कमी हो गई थी। सरकार को गंभीरता से चिंतन करते हुए, नई चुनौतियों से निपटने के लिए आवष्यक तैयारियां पूर्ण करने की दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सिन नहीं लगे होने के कारण, उप समिति के सदस्यों ने राज्य में स्कूलों को बंद करने को भी जरूरी बताया।

बैठक में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, महासचिव राहुल मारू, हेल्थ उप समिति के चेयरमेन डॉ0 अभिषेक, एके सिन्हा, सौमिक चटर्जी, प्रवीण लोहिया एवं किशन अग्रवाल उपस्थित थे।

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