झारखंड में लगभग 11 लाख लाभार्थियों को सितंबर 2024 से अब तक पेंशन नहीं मिल पाई है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर राज्य के पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका आरोप है कि सरकार की लापरवाही के कारण गरीब, वरिष्ठ नागरिक, विधवा और दिव्यांग लोग पेंशन योजनाओं से वंचित हो रहे हैं।
सरकार पर लापरवाही के आरोप
अमर बाउरी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि झारखंड में पेंशन योजना के तहत हर तीन महीने में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने की अनिवार्यता है, लेकिन समाज कल्याण विभाग की लापरवाही की वजह से लाखों जरूरतमंद पेंशन से वंचित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार महीनों से लाभार्थियों को पेंशन नहीं मिली है, जिससे गरीबों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर सरकार से पूछे सवाल
अमर बाउरी ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट के जरिए कई सवाल उठाए:
- क्या झारखंड के 11.81 लाख गरीब और जरूरतमंद लाभुक सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं हैं?
- समय पर प्रमाण पत्र जमा करने में सरकार क्यों असफल रही?
- 100 करोड़ रुपये की पेंशन योजना के लिए आवंटित धन का उपयोग क्यों नहीं हो रहा है?
पेंशन योजना में सुधार की मांग
अमर बाउरी ने सरकार से मांग की कि पेंशन वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुधारा जाए और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो। उनका कहना है कि राज्य के जरूरतमंद लोग पेंशन के माध्यम से अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करते हैं, और इसमें देरी उनकी जिंदगी पर नकारात्मक असर डाल रही है।
सरकार के प्रति नाराजगी
उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोग हेमंत सरकार से उम्मीद करते हैं, लेकिन लगातार पेंशन वितरण में आ रही बाधाओं से राज्य की सत्तारूढ़ व्यवस्था की उदासीनता स्पष्ट हो रही है। उन्होंने सरकार से इस समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की अपील की है, ताकि लाभार्थियों को उनका हक मिल सके।
अमर बाउरी ने जोर देते हुए कहा कि जनता को उनके अधिकार से वंचित रखना न केवल गलत है, बल्कि उनके जीवन को कठिन बनाने जैसा है। सरकार को इस विषय पर जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।