झारखंड के रांची नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 728 लाभुकों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज करने की तैयारी की गई है। इन लाभुकों ने योजना के तहत पहली किस्त में 45,000 रुपये तो ले लिए, लेकिन अब तक मकान का निर्माण शुरू नहीं किया या नींव से आगे नहीं बढ़ाया है।
नोटिस के बावजूद अधूरा रहा निर्माण कार्य
रांची नगर निगम की पीएमएवाई शाखा ने लाभुकों को कई बार नोटिस जारी कर मकान निर्माण जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद अधिकांश लाभुकों ने लिंटर तक का काम भी पूरा नहीं कराया। निगम और सामुदायिक संगठनों द्वारा बार-बार जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी प्रगति नहीं दिखी। अब निगम ने सख्ती दिखाते हुए सर्टिफिकेट केस दर्ज करने और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है।
निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति-
- 427 लाभार्थी: लिंटर तक का काम पूरा किया, लेकिन उसके बाद निर्माण रोक दिया।
- 457 लाभुक: छत की ढलाई तक का काम पूरा हुआ, लेकिन मकान की फिनिशिंग अब भी अधूरी है।
अब तक के निर्माण कार्य का हाल
रांची नगर निगम क्षेत्र में पीएमएवाई योजना के तहत 12,587 लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए चुना गया था। इनमें से 10,847 मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। हालांकि, 128 लाभुक ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक मकान का निर्माण कार्य शुरू भी नहीं किया है।
योजना का प्रावधान
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रत्येक लाभुक को 2.25 लाख रुपये दिए जाते हैं। इस धनराशि से लाभार्थी को दो कमरे, एक हॉल, रसोई और बाथरूम सहित पक्का मकान तैयार करना होता है। निर्माण की कुल लागत में शेष राशि लाभार्थी को स्वयं वहन करनी पड़ती है।
निगम की सख्त कार्रवाई
रांची नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि योजना के तहत लाभ लेकर मकान निर्माण अधूरा छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य न केवल सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित करना है, बल्कि जरूरतमंदों को समय पर घर उपलब्ध कराना भी है। यह कदम योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगा।