रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड में गिरफ्तार अपराधियों ने खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि अपराधी कई दिनों से अधिवक्ता की हत्या करने के लिए उनके आगे-पीछे घूम रहे थे. अपराधियों को मौका नहीं मिल रहा था इस वजह से वह घटना को अंजाम नहीं दे पा रहे थे. वहीं अपराधियों को जैसे ही सूचना मिली कि अधिवक्ता तमाड़ इलाके में आने वाले हैं, उन्होंने उनकी हत्या की योजना बनाई और घटना को अंजाम देने के बाद सभी फरार हो गए.
काण्ड की गंभीरता को देखते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक रांची के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रांची के द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बुंडू के नेतृत्व में एक SIT(विशेष अनुसन्धान टीम) का गठन किया गया।
गठित टीम के द्वारा बंगाल,उड़ीसा, सहित अन्य कई स्थानों पर छापामारी कर घटना में शामिल अपराधकर्मी । सोनू अंसारी को घटना में प्रयुक्त 7.65 का एक देशी पिस्टल ,03 जिन्दा गोली, R15 मोटरसाइकिल नंबर JH-01DG-0131 एवं एक मोबाइल के साथ, 2.संजीत मांझी को बोलेनो कार नंबर JH-05CU-4505 एवं एक मोबाइल के साथ , 3. इमदाद अंसारी उर्फ़ मुन्ना अंसारी को 2 मोबाइल के साथ , 04. रिजवान अंसारी को एक मोबाइल के साथ एवं , 05. सर्किल अंसारी को एक मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया।
विदित हो की अभी तक के अनुसन्धान में यह बात प्रकाश में आई है की मृतक अधिवक्ता मनोज कुमार झा संत ज़ेवियर कॉलेज प्रबंधन की ओर से रड़गाओं के जमीन सम्बन्धी कार्यो को देखभाल करते थे तथा उस जमीन पर अपराधकर्मी अफसर आलम उर्फ़ छोटू उर्फ़ लंगड़ा अपने अन्य सहयोगियों के साथ दावा करता था।माननीय न्यायलय द्वारा उक्त जमीन में संत ज़ेवियर कॉलेज के पक्ष में फैसला सुनाया गया था।अपराधकर्मी अफसर आलम उर्फ़ छोटू उर्फ़ लंगड़ा कुछ अन्य स्थानीय अपराधकर्मियों के साथ मिलकर योजना बनाया गया था की अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या करने के बाद रास्ता साफ़ हो जायेगा , तब उक्त जमीन को बेचकर हम सभी आपस में पैसा का बंटवारा कर लेंगे।