झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद चंपई सोरेन को JMM के विधायक दल का नेता चुना गया था. चंपई सोरेन ने बीते शुक्रवार को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. झारखंड की नई सरकार को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है. जेएमएम नेतृत्व वाले 40 विधायक, जो भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त की आशंकाओं के बीच हैदराबाद चले गए थे, मतदान में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम को रांची लौट आए थे.
ईडी की टीम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर विधानसभा पहुंच गई है. वह विधानसभा में अंदर चले गए हैं.
झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 81 है, जिसमें से एक सीट रिक्त है. गांडेय विधानसभा सीट से जेएमएम के विधायक ने इस्तीफा दे दिया था. यानी कुल 80 में से 48 विधायक इंडिया ब्लॉक के हैं. जेएमएम से 29, कांग्रेस से 17 विधायक हैं. आरजेडी-सीपीएम के पास एक-एक सीटें हैं. लेकिन चंपई सोरेन ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का जो पत्र सौंपा है, उस पर 43 विधायकों के ही हस्ताक्षर हैं. विपक्ष की बात करें तो बीजेपी, जेएमएम से ज्यादा पीछे नहीं है. बीजेपी 26 विधायकों के साथ विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी है. आजसू के तीन, एनसीपी (अजित पवार गुट) के एक और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. चंपई सोरेन ने भी कहा है कि उनके समर्थन में 43 विधायक हैं. उम्मीद है कि संख्या 46-47 तक पहुंच जाएगी. इसलिए बहुमत की कोई समस्या नहीं है.