भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने हाल ही में यूपी आकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों से वन-टू-वन मुलाकात की थी. इसके बाद से ही सरकार और संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं. यूपी में सरकार और संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच रविवार का दिन यूपी की सियासत का सबसे गर्म दिन रहा. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर बंद लिफाफा सौंपा.
प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और राज्यपाल की मुलाकात से सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार राधामोहन सिंह ने मुलाकात के दौरान राज्यपाल को एक लिफाफा दिया. प्रदेश प्रभारी ने जो लिफाफा राज्यपाल को दिया है, उसमें क्या है? ये सवाल बना हुआ है. क्या उसमें मंत्रिमंडल में फेरबदल से जुड़ी कोई बात है या कुछ और, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
हालांकि, राज्यपाल से मुलाकात के पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों को खारिज करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी बनने के बाद से उनकी राज्यपाल से भेंट नहीं हुई है. राज्यपाल से उनकी मुलाकात शिष्टाचार भेंट है. इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष से भी मेरी शिष्टाचार भेंट होनी है. दरअसल, छह महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी कैबिनेट में फेरबदल होगा और एमएलसी बने एके शर्मा को कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बीजेपी के पदाधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं लेकिन पार्टी पदाधिकारियों की बैठकें और भाजपा प्रभारी की राज्यपाल से मुलाकात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है अटकलों से अलग परंपरा और नियमों की बात करें तो राधा मोहन सिंह की राज्यपाल से मुलाकात मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नहीं हो सकती है. नियमों के तहत अगर किसी भी राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार या मंत्रणा के लिये राज्यपाल से सिर्फ मुख्यमंत्री ही मुलाकात कर सकते हैं. मुख्यमंत्री राज्यपाल से चर्चा के लिए समय मांगते हैं और अपनी तरफ से प्रस्तावित लोगों की लिस्ट सौंपते हैं जिसपर राज्यपाल सहमति देते हैं.
अटकलें ये भी हैं कि मुलाकात औपचारिक के साथ ही इस विषय को लेकर भी हो सकती है कि राज्य सरकार राज्यपाल की नजर में किस तरह से काम कर रही है और उसमें किस तरह सुधार की जरूरत है. सियासत के जानकार बंद लिफाफे को लेकर कहते हैं कि राधा मोहन सिंह केंद्रीय नेतृत्व का कोई मसौदा, किसी मामले की रिपोर्ट या संगठन की किसी चर्चा की रिपोर्ट लेकर आए हों, यह भी हो सकता है.
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