रांची नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े एक मामले ने विवाद खड़ा कर दिया है। झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के नाम पर तीन-तीन जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की खबर पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इसे झारखंड में व्याप्त भ्रष्टाचार का चिंताजनक उदाहरण बताया है।
आम नागरिकों की परेशानी और अधिकारियों की लापरवाही
अजय साह ने कहा कि रांची नगर निगम में आम लोगों को अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में महीनों लग जाते हैं। कई बार अधिकारियों की लापरवाही के कारण बच्चों का स्कूल में दाखिला तक नहीं हो पाता। इसके विपरीत प्रभावशाली लोग अपने रसूख का इस्तेमाल कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आसानी से काम करा लेते हैं।
आंतरिक सुरक्षा और फर्जीवाड़े का मामला
भाजपा प्रवक्ता ने इस मामले को आंतरिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर बताया। उनका कहना है कि अगर नगर निगम आसानी से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर सकता है, तो ऐसे मामलों का दुरुपयोग पासपोर्ट और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों में भी हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे पहले भी ऐसे कई मामले हो सकते हैं जो सामने नहीं आए हैं।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
अजय साह ने मांग की कि इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों और संबंधित व्यक्तियों पर फर्जीवाड़े के तहत मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 336 के तहत कार्रवाई करने की अपील की।
नगर निकाय में जवाबदेही की कमी
साह ने इस मुद्दे को नगर निकाय चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि झारखंड में नगर निकाय और निगम केवल अधिकारियों के भरोसे चल रहे हैं, जिनमें जवाबदेही नाम मात्र की है। जनप्रतिनिधियों की कमी ने इन संस्थानों को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। भाजपा ने सख्त कदम उठाने और दोषियों को दंडित करने की मांग की, ताकि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
यह प्रकरण नगर निगम में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।