झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि भाजपा बंगाल की तरह झारखंड में भी राजभवन का गलत इस्तेमाल करना चाहती है। यही कारण है कि बार-बार भाजपा के नेता राजभवन जाकर महामहिम को ज्ञापन सौंप रहे हैं। राज्य में जनता के द्वारा चुनी गई पूर्ण बहुमत की सरकार है। ऐसे में मुख्यमंत्री के पास नहीं जाकर हर बात को लेकर राजभवन जाना कतई न्यायसंगत नहीं है। भाजपा संवैधानिक संस्थाओं और पदों की मर्यादा को तार-तार करने में लगी हुई है। भाजपा के नेताओं को राजभवन की गरिमा का ख्याल रखते हुए राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनने देना चाहिए।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वह दूसरे कार्यकाल की प्रतीक्षा में केंद्र सरकार के आदेश का इंतज़ार कर रहीं हैं। ऐसे में उन्हें बार-बार भारतीय जनता पार्टी के नेता उनके कार्यकाल के विस्तार को रोकने की धमकी देकर उनपर दबाव बना रहे हैं और राज्य सरकार को परेशान करना चाहते हैं। जबकि राज्यपाल की छवि निर्विवाद तौर पर संविधान के रक्षक के रूप में रही है। उनका कार्यकाल आने वाले समय में बेहतर कार्यकाल के रूप में भी जाना जाएगा ।
राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड में भाजपा अपना जमीनी आधार खो चुकी है। जन मुद्दों को लेकर आंदोलन करने की ताकत भाजपा में नहीं बची है। यही कारण है कि बार-बार राजभवन का रुख कर सिर्फ जनता के हितों की रक्षा करने का दिखावा करती हैं। राज्य की गठबंधन सरकार राज्य की हर समस्या को लेकर संजीदा है और सरकार ने कोरोना के समय में सभी दलों के लोगों से राय लेकर कोरोना पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की। बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी के नेता किसी भी समस्या को लेकर सरकार के पास न जाकर सीधे राजभवन पहुंच जाते हैं। भाजपा ऐसा कर सरकार के साथ-साथ राजभवन को भी बदनाम कर रही है, जिसे झारखंड की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।