बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने शिक्षाविद और खान ग्लोबल स्टडीज के संचालक खान सर को एक कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस खान सर द्वारा नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध और आयोग पर कथित अपमानजनक भाषा के प्रयोग को लेकर भेजा गया है।
नॉर्मलाइजेशन का विरोध और छात्रों का प्रदर्शन
पिछले साल 6 दिसंबर को BPSC अभ्यर्थियों ने पटना में 70वीं पीटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान खान सर ने प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए कहा था कि वह किसी भी हालत में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होने देंगे। हालांकि, BPSC ने स्पष्ट किया था कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं किया जाएगा।
5 सेंटर्स को भेजा गया नोटिस
BPSC ने खान सर के पटना, दिल्ली (मुखर्जी नगर और करोल बाग) और प्रयागराज के पांच सेंटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि खान सर ने आयोग को “चोर” और “चोट्टा” जैसे शब्दों से संबोधित कर अपमानित किया। साथ ही उन पर आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर सीट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाने का दावा किया गया है।
अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल का आरोप
नोटिस के अनुसार, 5 और 6 दिसंबर, 2024 को खान सर ने बिना प्रमाण के नॉर्मलाइजेशन के संबंध में झूठी अफवाहें फैलाईं और छात्रों को BPSC के खिलाफ उकसाया। इसके अलावा, 29 दिसंबर 2024 को छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने “बकलोल कहिका” और “आयोग का पूरा मिलिभगत है” जैसी अपमानजनक टिप्पणियां कीं।
आयोग ने दी चेतावनी
BPSC का कहना है कि खान सर की भाषा आयोग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है और इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। नोटिस में खान सर से उनके बयानों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि खान सर इसका जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
यह मामला अब Khan सर के जवाब और आगे की कानूनी कार्रवाई पर निर्भर करता है। आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम ने पूरे शैक्षणिक जगत का ध्यान आकर्षित किया है।