जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर बीते 12 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी मुख्य मांग है कि BPSC 70वीं परीक्षा को रद्द किया जाए। इस मामले में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को हस्तक्षेप करते हुए प्रशांत किशोर से कहा है कि वे छात्रों का प्रतिनिधिमंडल राजभवन भेजें ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके।
प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ती जा रही
गौरतलब है कि अनशन के कारण प्रशांत किशोर की सेहत लगातार खराब हो रही है। 7 जनवरी को उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत में सुधार होने पर उन्हें 2 दिन बाद आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया और 11 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसके बावजूद वे अनशन पर डटे हुए हैं। अनशन के दौरान कई BPSC उम्मीदवारों ने उनसे मिलकर अनशन समाप्त करने की अपील की, लेकिन प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह अपना अनशन जारी रखेंगे।
प्रशासन और जन सुराज के बीच टकराव
रविवार को प्रशांत किशोर ने मरीन ड्राइव के पास किसानों की जमीन पर टेंट लगाकर अनशन जारी रखने की तैयारी की, लेकिन प्रशासन ने इस प्रक्रिया को रोक दिया। जन सुराज की ओर से यह आरोप लगाया गया कि सरकार अनुमति के नाम पर अनशन को बाधित करने का प्रयास कर रही है। संगठन के प्रदेश महासचिव किशोर मुन्ना ने कहा, “यह जमीन किसानों की है, सरकारी नहीं। सरकार दबाव बनाकर प्रशांत जी को रोकना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता उनके समर्थन में मजबूती से खड़ी है।”
जन सुराज ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की, तो जनता का समर्थन और अधिक बढ़ेगा। प्रशांत किशोर की इस मांग और सरकार के बीच तकरार का समाधान निकलेगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।