प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मिड डे मील) योजना में महिला रसोइया सह सहायिका के मासिक मानदेय के लिए केंद्र सरकार 600 रुपये ही देगी। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में इनके मासिक मानदेय के लिए पूर्व में लागू एक हजार रुपये की ही स्वीकृति प्रदान की है। इसमें 600 रुपये केंद्र सरकार देगी, जबकि राज्यांश के रूप में 400 रुपये राज्य सरकार को वहन करने होंगे।
चूंकि राज्य सरकार रसोइया सह सहायिका को एक हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय देती है, इसलिए यह राशि पूर्व की तरह राज्य सरकार को ही वहन करना होगा। राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से 500 रुपये अतिरिक्त मानदेय रसोइया सह सहायिका को देती थी। इससे उन्हें प्रतिमाह मानदेय के रूप में डेढ़ हजार रुपये का भुगतान होता था। राज्य सरकार ने इस साल अप्रैल माह से अतिरिक्त राशि 500 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दी है। इससे अब उन्हें प्रतिमाह दो हजार रुपये इस मद में मिलते हैं।
राज्य में कार्यरत 79,551 रसोइए को प्रतिमाह एक हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय देने से राज्य सरकार पर प्रत्येक वर्ष लगभग 80 करोड़ रुपये अधिक भार पड़ता है। राज्य सरकार केंद्र से रसोइया सह सहायिका के मानदेय की राशि बढ़ाने की मांग कर रही है, ताकि राज्य सरकार का यह भार कम हो। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों ने इसकी मांग योजना के प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की बैठक में भी उठाई है।
साल में 10 माह के लिए ही मिलता है मानदेय
महिला रसोइया सह सहायिका को साल भर में 10 माह के लिए ही मानदेय मिलता है। राज्य में कार्यरत महिला रसोइया सह सहायिका द्वारा लगातार पूरे साल के लिए मानदेय की मांग की जाती रही है।
भोजन माता नाम रखने की अनुशंसा
केंद्र सरकार ने महिला रसोइया सह सहायिका का नाम भोजन माता रखने की अनुशंसा राज्य सकार से की है। साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कुकिंग कंपटीशन आयोजित करने की भी बात कही है।