मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची के अध्ययन भ्रमण पर आई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु गठित 7 सदस्यीय संसदीय समिति ने औपचारिक भेंट की। इस संसदीय समिति का नेतृत्व लोकसभा सदस्य डॉ. फग्गन सिंह कुलस्ते कर रहे थे। उनके साथ डॉ. मल्लू रवि (लोकसभा सांसद), वीडी राम (लोकसभा सांसद), प्रतिमा मंडल (लोकसभा सांसद), रवांग्वरा नारजारी (राज्यसभा सांसद), फूलो देवी नेताम (राज्यसभा सांसद) और देवेंद्र प्रताप सिंह (राज्यसभा सांसद) शामिल थे। इस दौरान मुख्यमंत्री और संसदीय समिति के बीच SC-ST के कल्याण और विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं एवं मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा हुई।
आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए केंद्र और राज्य का समन्वय आवश्यक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बैठक में अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बड़ी जनसंख्या निवास करती है। लेकिन विकास की मुख्यधारा में उनकी सहभागिता अभी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि:
- ठोस नीतियों का निर्माण और उनका सही कार्यान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है।
- सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ इन समुदायों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
- योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करके इन्हें मुख्यधारा में लाया जा सकता है।
सरकार की प्रतिबद्धता और सकारात्मक परिणाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उनकी सरकार ने इस दिशा में कई योजनाएं तैयार की हैं, जिनसे सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिले हैं। सरकार का लक्ष्य है:
- विजन डॉक्यूमेंट और रोडमैप के माध्यम से दीर्घकालिक सुधार।
- इन समुदायों की आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाना।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक सुधार करना।
संसदीय समिति के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में संसदीय समिति के सचिव एवं एडिशनल सेक्रेटरी डीआर शेखर, डिप्टी सेक्रेटरी मोहन अरुमाला, अंडर सेक्रेटरी एन टूथांग, जॉइंट डायरेक्टर टीआरएस गोस्वामी और कमिटी अफसर मती पूजा किर्थवाल भी शामिल थे। सभी ने झारखंड में चल रहे विकास कार्यों और नीतियों पर चर्चा की और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।