सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड आंदोलन के नेता शहीद निर्मल महतो की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित की अवमानना याचिका पर सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई में सशरीर अदालत में उपस्थित हों।
नरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में उनके 20 वर्षों से अधिक की सजा और रिमिशन की योग्यता को देखते हुए आदेश दिया था कि उन्हें दो महीनों के भीतर जेल से रिहा किया जाए। लेकिन राज्य सरकार इस आदेश का पालन अब तक नहीं कर पाई है, और नरेंद्र सिंह अभी भी जेल में ही हैं।
गौरतलब है कि शहीद निर्मल महतो की हत्या के मामले में नरेंद्र सिंह को करीब 22 साल से जेल में रखा गया है। इस मामले में उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता आभास परिमल ने वकालत की। निर्मल महतो की हत्या 8 अगस्त 1987 को जमशेदपुर में गोली मारकर कर दी गई थी। सीबीआई की जांच के बाद इस मामले में नरेंद्र सिंह समेत तीन व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। 2017 में झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था।