भाजपा और आरएसएस देश को ‘ शाखा’ की तरह चलाने की कोशिश कर रहे हैं जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. कल हरियाणा के मुख्यमंत्री का यह बयान की अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बेतुका और सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने वाला है. आज मोदी सरकार जिस तरह राष्ट्रीय संपत्ति का मेगासेल लगा कर और निजीकरण की मुहिम चला कर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का राष्ट्र विरोधी षडयंत्र कर रही है इसके खिलाफ सभी देशभक्त ताकतों को एकजुट होकर कार्रवाई के मैदान मे उतरना पड़ेगा.
भाजपा ने किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए कई हथकंडे अपनाए थे लेकिन किसानों की एकजुटता के सामने उसे मुंह की खानी पड़ी. अब देश का मजदूर वर्ग संघर्षों की नयी कतारबंदी खड़ी कर रहा है. 16-17 दिसंबर को बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल, 16 दिसंबर को ही इस्पात उधोग मे अखिल भारतीय हड़ताल और 19 जनवरी को फार्मा उधोग के कामगारों की हड़ताल और 23-24 फरवरी को सभी श्रमिक संघों के आह्वान पर आयोजित होने वाली देशव्यापी हड़ताल मेहनतकशों के संघर्षों की अगली कड़ी है. यह बात आज सीपीएम की पौलिट ब्यूरो सदस्य बृंदा कारात ने पार्टी की तीन दिवसीय बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही. उन्होेंने कहा कि एचईसी को बचाने और वहाँ के विस्थापितों की समस्या का हल निकालने के लिए पार्टी अन्य वामदलों के साथ मिलकर आंदोलन शुरू करेगी.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने राज्य कमिटी बैठक के निष्कर्षों की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड सरकार द्वारा पंचायत चुनावों को टाले जाने, आनलाइन लगान रसीद निर्गत नहीं किए जाने, ग्रामीण क्षेत्रों मे जबरन प्रोपर्टी कार्ड योजना लागू किए जाने का प्रयास करने, बस भाड़े मे मनमाना बढोत्तरी किए जाने, पंचायत स्तर तक धान क्रय केंद्र नहीं खोलने, जमीन के दस्तावेजों के कम्प्यूटरीकरण मे हुयी अनियमितता, विस्थापन आयोग का गठन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर अगले 5 से 10 जनवरी के बीच प्रखंड कार्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके अलावा परिवहन भाड़े मे बढोत्तरी के खिलाफ कमिश्नरी मुख्यालय मे अवस्थित परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष सह आयुक्त से मिलकर उचित भाड़ा निर्धारण के लिए स्मार पत्र सौंपा जायेगा. बैठक मे एक प्रस्ताव पारित कर पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव दलीय आधार पर कराने तथा पंचायत चुनाव की तिथि अविलंब घोषित किए जाने की मांग की गई.
बैठक की अध्यक्षता मो. इकबाल और रामचंद्र ठाकुर ने की.