Monday, May 6, 2024
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Homeझारखंडसीपीएम ने अपने प्रकाशन समुहों के आह्वान पर मनाया रेड बुक्स डे

सीपीएम ने अपने प्रकाशन समुहों के आह्वान पर मनाया रेड बुक्स डे

इस अवसर पर मार्क्सवाद की शास्त्रीय पुस्तक कम्युनिस्ट घोषणा पत्र पर की गई चर्चा


रांची शहर के साथियों ने की भागीदारी
रेड बुक्स डे 21 फरवरी को मनाया जाता है, जिस दिन कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स ने 1848 में “द कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो”(कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र) प्रकाशित किया था।
पहली बार रेड बुक्स डे समारोह 21 फरवरी 2020 को आयोजित किया गया था, जब दक्षिण कोरिया से वेनेजुएला तक तीस हजार से अधिक लोग अपनी-अपनी भाषाओं में कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो(कम्युनिस्ट घोषणापत्र) के सार्वजनिक पठन में शामिल हुए थे। हमारी पार्टी के प्रकाशन समुहों द्वारा इस बार 21 फरवरी को रेड बुक्स डे पुरे देश मे आयोजित किया जा रहा है. यह संयोग है कि 21 फरवरी को ही राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भी आयोजित किया जाता है.
झारखंड के कई जिलों मे यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. रांची मे सीपीएम के राज्य कार्यालय मे रेड बुक्स दिवस के अवसर पर इस पुस्तक पर चर्चा हुई. चर्चा की शुरुआत करते हुए पार्टी राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा क्लासिक मार्क्सवादी साहित्य मे कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र प्रस्थान विन्दु है जिसने पूंजीवाद शोषण की व्यवस्था के खिलाफ समाजवादी प्रणाली की स्थापना और उससे आगे साम्यवादी समाज की स्थापना का वैज्ञानिक नजरिया प्रस्तुत किया. मोसाविर रहमान ने अपने संबोधन मे कहा कि मार्क्स, एंगेल्स द्वारा लिखित
1848 मे कम्युनिस्ट घोषणा पत्र के प्रकाशन के बाद 1871 मे दुनिया की पहली लोकतांत्रिक क्रांति फ्रांस मे हुयी जिसे हम पेरिस कम्युन के नाम से जानते हैं. हालांकि पेरिस कम्युन के दौरान क्रांति की जो मशाल प्रज्ज्वलित हुयी थी अनुभव के अभाव मे उस क्रांति की लौ धीमी हो गयी लेकिन पेरिस कम्युन का संदेश आज भी प्रासंगिक है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य सुरजीत सिन्हा ने की. इस पुस्तक की चर्चा मे मुसाविर रहमान, समीर दास, संजय पासवान, अनिर्वान बोस, अमन कुमार समेत रांची शहर के पार्टी साथियों ने हिस्सा लिया.
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