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Saturday, July 19, 2025
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कागज़ों पर बंद, बाज़ार में चालू – मादक पदार्थों की बेलगाम बिक्री चिंतनीय – अबुआ अधिकार मंच

रांची। झारखंड में प्रतिबंधित मादक पदार्थों जैसे गुटखा, पान मसाला, तंबाकू आदि की खुलेआम बिक्री और इसके चलते युवाओं पर पड़ रहे गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर आज अबुआ अधिकार मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने माननीय राज्यपाल श्री संतोष गंगवार जी से राजभवन में मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मंच के अध्यक्ष गौतम सिंह ने किया, जिनके साथ अंजना कुमारी, नीरज वर्मा, शौविक भट्टाचार्य एवं ईशा गुप्ता उपस्थित रहीं।प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा इन घातक उत्पादों पर लगाए गए प्रतिबंध केवल आदेशों और फाइलों तक सीमित रह गए हैं। झारखंड के हर गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे, बाजार, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और यहां तक कि विद्यालयों व महाविद्यालयों के आस-पास भी इन पदार्थों की धड़ल्ले से बिक्री जारी है। सड़कों के किनारे, डिवाइडर, सरकारी कार्यालयों की सीढ़ियाँ, सार्वजनिक शौचालयों और भवनों की दीवारों पर फैले पान मसाले के लाल धब्बे इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि यह कारोबार पूरी तरह से प्रशासनिक उदासीनता के बीच फल-फूल रहा है।

अबुआ अधिकार मंच के अध्यक्ष गौतम सिंह ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन पदार्थों पर राज्य में पूर्ण प्रतिबंध है, वे आज बेरोकटोक बिक रहे हैं। इससे न केवल युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य बर्बाद हो रहा है, बल्कि नशे की लत उन्हें अपराध की ओर भी धकेल रही है। यदि समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो हम एक खोई हुई पीढ़ी की ओर बढ़ रहे होंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह केवल स्वास्थ्य का नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और कानून व्यवस्था का भी प्रश्न बन चुका है।मंच ने राज्यपाल से मांग की है कि इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य स्तर पर एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए, जिसकी कमान एक ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी को सौंपी जाए। यह टास्क फोर्स राज्य के सभी जिलों में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की बिक्री, भंडारण और तस्करी की निगरानी कर दोषियों पर त्वरित व कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही स्कूली छात्रों और युवाओं के बीच जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाए ताकि समाज को इस नशे के जाल से बाहर निकाला जा सके।अबुआ अधिकार मंच ने आशा जताई है कि माननीय राज्यपाल इस विषय की गंभीरता को समझते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र कार्रवाई करेंगे और झारखंड को एक नशामुक्त, सुरक्षित और स्वस्थ राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक पहल करेंगे।

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