Friday, April 26, 2024
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टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों पर स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा

टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों पर स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा हेतु आज चैंबर भवन में आयकर विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बिहार-झारखण्ड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री राकेश मिश्र, प्रधान आयकर आयुक्त-रांची डॉ0 प्रभाकांत एवं आयकर आयुक्त (टीडीएस)-पटना श्री एचके लाल मुख्य रूप से उपस्थित थे। बिहार-झारखण्ड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री राकेश मिश्र ने करदाताओं को अपने संबोधन के दौरान समयपूर्वक रिटर्न फाईल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय जटिलताओं के सरलीकरण हेतु विभाग प्रतिबद्ध है, करदाता अपनी समस्याएं नियमित रूप से हमसे साझा करें।

कार्यशाला के दौरान टीडीएस के नये प्रावधान 194(क्यू) और 194(एन) पर चर्चा करते हुए अवगत कराया गया कि किसी एक वित्तिय वर्ष में यदि जिस भी विक्रेता से विशिष्ट क्रेता ने जिस धारा पर 194क्यू लागू होता है 50 लाख रू0 से अधिक का माल खरीदा है उसमें से 50 लाख रू0 से अधिक की राशि पर 0.1 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटना है। यह टीडीएस एक वित्तिय वर्ष में 50 लाख रू0 से उपर की रकम पर ही काटना है। यह भी अवगत कराया गया कि 1.09.2019 से एक नया सेक्शन 194एम डाला गया है जो कांट्रैक्ट वर्क/ब्रोकरेज/कमीशन/प्रोफेशनल एवं टेक्निकल फी के लिए भुगतान करनेवाले सभी व्यक्तियों एवं एचयूएफ पर लागू होगा। इसी प्रकार प्रावधान 206सी(1एच) के तहत खरीददार से टीसीएस एकत्रित करना है। यह उन विक्रेताओं पर लागू होता है जिनकी बिक्री, सकल प्राप्तियां एक वर्ष में 10 करोड रू0 से अधिक है। उच्चाधिकारियों ने टीडीएस/टीसीएस जमा करने की तिथि, प्रक्रिया पर भी वार्ता की। यह भी कहा गया कि टीडीएस रिटर्न दाखिल करते समय करदाता यह सुनिश्चित करें कि टीडीएस रिटर्न उसी टैन के साथ दाखिल किया गया है जिसके खिलाफ टीडीएस भुगतान किया गया हैं। ऐसा नहीं करने से करदाताओं को परेशानी होती है।

कार्यशाला के दौरान व्यापारियों ने प्रश्न भी पूछे जिसका आयकर विभाग के उच्चाधिकारियों ने संतोष्रपद उत्तर भी दिया। चैंबर उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि टीडीएस के नये प्रावधान 194क्यू से छोटे-छोटे व्यापारी व ट्रांस्पोटर्स प्रभावित होंगे क्योंकि रिटर्न दाखिल करने में एक दिन भी विलंब करने पर 60 दिन का ब्याज पेनाल्टी के रूप में जमा करने की बाध्यता है, इसपर विभाग को विचार करना चाहिए। बिहार-झारखण्ड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री राकेश मिश्र ने टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों के साथ ही करदाताओं की अन्य समस्याओं को सुझाव सहित विभाग को प्रेषित करने हेतु झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स को सुझाया। यह कहा कि करदाताओं के सुझावों के अनुसार विभाग द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

कार्यशाला के दौरान चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने करदाताओं के समक्ष व्याप्त समस्याओं से संबंधित एक विस्तृत ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने यह भी कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत कंप्लायंस के सरलीकरण हेतु सरकार प्रतिबद्ध है, ऐसे में टीसीएस का प्रत्येक माह टैक्स भरना और त्रैमासिक रिटर्न फाइल करना कंप्लायंस का एक अत्यधिक भार है। यह सुझाया गया कि टीसीएस के तहत टैक्स के भरने की व्यवस्था त्रैमासिक और रिटर्न फाइल की व्यवस्था वार्षिक होनी चाहिए।

कार्यशाला में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष राहुल साबू, दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव रोहित अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, कार्यकारिणी सदस्य अनिस बुधिया, नवजोत अलंग, आदित्य मल्होत्रा, अनिल अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अमित शर्मा, पूर्व अध्यक्ष रंजीत गाडोदिया, डायरेक्ट टैक्स उप समिति के चेयरमेन सीए आदित्य शाह, साहित्य पवन, सीए दीपक गाडोदिया, विनय गोयनका, ज्योति पोद्दार, इन्कम टैक्स बार एसोसियेशन से संदीप गाडोदिया, प्रकाश शाह, महेंद्र चौधरी, सुरेश साबू, सीए इंस्टीच्यूट से प्रवीण शर्मा, साकेत सर्राफ, एसएन रजगढिया, आरके गाडोदिया, अर्पित जैन, केएस तिर्की, कमल सिंघानिया, रमेश धरनीधरका के अलावा काफी संख्या में करदाता एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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