रांची विमेंस कॉलेज के आइ क्यू ए सी संस्था द्वारा फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत “प्रभावी शिक्षण” (इफेक्टिव लर्निंग) का कार्यक्रम आयोजित किया गया । मैत्रेयी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के संसाधन सेवी प्रोफेसर रमण बल्लभ, आई आई सी ए ,भारत सरकार थे। स्वागत वक्तव्य प्राचार्या डॉ शमशुन नेहार ने दिया तथा कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विषय प्रवेश आर्ट्स ब्लॉक की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ फूलमणि धान ने कराया। कार्यक्रम में साइंस ब्लॉक की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ आभा प्रसाद , आइ क्यू ए सी की कोऑर्डिनेटर डॉ शिप्रा कुमारी तथा कॉलेज की सभी शिक्षिकाएं और स्नातकोत्तर की छात्राएं सम्मिलित हुईं। प्रभावी शिक्षण पद्धति पर प्रकाश डालते हुए रमन बल्लभ जी ने कहा कि प्रभावी क्लासरूम मैनेजमेंट बेहद आवश्यक है।कक्षा में शिक्षक शिक्षण को प्रभावी बनाने हेतु अद्यतन प्रविधि एवं शिक्षण-व्यूहरचना का उपयोग करता है। बहुधा देखा भी गया है कि एक प्रशिक्षित अध्यापक अच्छे स्तर का शिक्षण कराने में समक्ष हो जाता है।इसका कारण स्पष्ट है कि वह प्रभावी शिक्षण की प्रविधि में दक्षता रखता है। यही दक्षता शिक्षण-कौशल कहलायी जा सकती है। शिक्षार्थी सहजता से पाठ्यवस्तु को अधिगम कर आत्मसात् कर सकें, इसके लिए शिक्षक को पाठ नियोजन करना अधिक उपयुक्त होता है। ताकि शिक्षक पाठ्यवस्तु पर अधिकार करके कक्षा में समयानुसार शिक्षण कौशलों का अधिकाधिक उपयोग कर अपने शिक्षण को प्रभावी बना सकेगा।शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक को कक्षा शिक्षण के समय पाठयोजना में निर्धारित क्रियाकलापों के अतिरिक्त शिक्षण परिस्थितियों के अनुसार भी तुरन्त परिवर्तन हेतु निर्णय लेने पड़ते हैं। स्पष्टतः जो शिक्षक इन अपेक्षित परिवर्तनों को शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं, जिज्ञासाओं, आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को देखते हुए उचित प्रकार से कर लेता है, प्रभावी शिक्षण कार्य कर शिक्षार्थियों में लोकप्रिय हो जाता है । कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ फूलमणि धान द्वारा किया गया।