ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर हाल ही में स्वास्थ्य संस्थानों और चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नया नहीं है और इसका अस्तित्व पिछले 60 वर्षों से माना जा रहा है। हालांकि इसे महामारी का बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा, फिर भी इसकी बढ़ती संक्रमण दर चिंता का विषय है।
भारत में HMPV की स्थिति
भारत में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से जुड़े आठ मामलों की पुष्टि हुई है। संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों में छोटे बच्चों से लेकर वयस्क तक शामिल हैं।
कर्नाटक
यहां दो बच्चों में HMPV पाया गया है, जिनमें ब्रॉन्कोन्यूमोनिया के लक्षण देखे गए। इस स्थिति में बच्चों के फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे बुखार, सीने में जकड़न और सर्दी की शिकायत होती है।
महाराष्ट्र
नागपुर और मुंबई में 7 और 13 साल के बच्चों के मामले दर्ज हुए। मुंबई में एक संक्रमित बच्चे का ऑक्सीजन लेवल 84% तक गिर गया था, लेकिन उसकी हालत में सुधार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
गुजरात
अहमदाबाद में तीन महीने के बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई। शुरुआत में उसकी हालत गंभीर थी और वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन अब वह स्थिर है।
तमिलनाडु
यहां दो मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई। दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है।
दुनिया में HMPV की स्थिति
चीन
चीन में दिसंबर के मध्य से एचएमपीवी के मामले सामने आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां बच्चों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालांकि कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं दिए गए हैं, पर अनुमान है कि हर महीने 16,000 से 18,000 मामले सामने आए हैं।
मलेशिया
2024 में मलेशिया में एचएमपीवी के 327 मामले दर्ज हुए, जो पिछले साल के 225 मामलों से 45% अधिक हैं।
कजाखस्तान
कजाखस्तान में एचएमपीवी संक्रमण के 30 मामले पाए गए। यहां अन्य श्वसन वायरस के मामलों में भी वृद्धि देखी गई है।
ब्रिटेन
ब्रिटेन में अक्टूबर से दिसंबर के बीच एचएमपीवी संक्रमण के मामलों में 4.15% की वृद्धि हुई।
अमेरिका
अमेरिका में भी हाल के महीनों में एचएमपीवी के मामले सामने आए हैं। हालांकि, वहां के स्वास्थ्य विभाग ने इसे फिलहाल गंभीर खतरा नहीं बताया।
ग्रीस
ग्रीस में पहला मामला एक 71 वर्षीय व्यक्ति में पाया गया, जो हाल ही में चीन से लौटा था।
सिंगापुर
सिंगापुर में एचएमपीवी के मामले सर्दियों के दौरान बढ़ते हुए देखे गए। दिसंबर में संक्रमण दर 5% से 9% तक रही।
एचएमपीवी वायरस कोई नया खतरा नहीं है, लेकिन यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है। सावधानी और समय पर उपचार से इस संक्रमण से बचाव संभव है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ नियमित परीक्षण और सतर्कता बनाए रखने की सलाह देते हैं।