रांची, झारखंड:
राजधानी रांची में इन दिनों नेटवर्क मार्केटिंग की आड़ में एक बड़ा ठग गिरोह सक्रिय है, जो खासकर बेरोजगार युवाओं को नौकरी और मोटी कमाई का झांसा देकर लाखों की ठगी कर रहा है। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से ये लोग युवाओं को टारगेट कर रहे हैं और उन्हें “स्वावलंबी बनने” के नाम पर ठगने का शातिर खेल खेल रहे हैं।
कैसे हो रही है ठगी?
इन फर्जी नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों का तरीका बेहद चालाकी भरा होता है। पहले युवाओं को एक सेमिनार में बुलाया जाता है, जहां उन्हें “बिजनेस ऑपर्च्युनिटी”, “फाइनेंशियल फ्रीडम” और “लक्जरी लाइफस्टाइल” का सपना दिखाया जाता है। फिर 5,000 से लेकर 50,000 रुपये तक की “इन्वेस्टमेंट” करवाकर उन्हें सदस्य बना लिया जाता है।
इसके बाद उनसे कहा जाता है कि अगर वे और लोगों को इस नेटवर्क से जोड़ते हैं, तो उन्हें मोटा कमीशन मिलेगा। लेकिन असल में यह पिरामिड स्कीम होती है, जहां शुरुआत में कुछ लोगों को फायदा दिखाया जाता है, लेकिन नीचे जुड़ने वाले लोगों की कमाई नाममात्र की होती है या बिल्कुल नहीं होती।
युवाओं को बनाया जा रहा है शिकार
यह गिरोह विशेष रूप से कॉलेज छात्रों, बेरोजगार युवाओं और ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों को निशाना बना रहा है। “सीधी नौकरी” की बजाय उन्हें “खुद का बिजनेस” शुरू करने का झांसा दिया जाता है। कई मामलों में लोग अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई लगाकर इस नेटवर्क का हिस्सा बनते हैं और बाद में पछताते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये फर्जी नेटवर्क मार्केटिंग स्कीमें दरअसल ‘पोंज़ी स्कीम’ या ‘मल्टी लेवल फ्रॉड’ का हिस्सा होती हैं। ये योजनाएं शुरुआत में आकर्षक लगती हैं, लेकिन अंततः यह एक धोखा होती है। एक्सपर्ट्स ने लोगों से अपील की है कि वे बिना प्रमाणिक जानकारी और वैधता के किसी भी स्कीम में पैसा न लगाएं।
🔴 क्या करें?
- किसी भी नेटवर्क मार्केटिंग स्कीम में निवेश करने से पहले उसकी वैधता की जांच करें।
- सेबी (SEBI) या अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों में कंपनी का रजिस्ट्रेशन चेक करें।
- सोशल मीडिया पर फैल रहे ‘जल्दी अमीर बनने’ के झांसे से सावधान रहें।
- ऐसे किसी भी फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
रांची जैसे शिक्षित और उभरते हुए शहर में इस तरह की धोखाधड़ी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। जरूरत है कि युवा जागरूक बनें और ठगी के ऐसे जाल में फंसने से पहले ठोस जानकारी लें। साथ ही प्रशासन को भी चाहिए कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे।
कल ही नामकुम में एक इसी प्रकार की कंपनी पर CID ने शिकंजा कसा था।