झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में पास करने के बावजूद छात्र-छात्रा अगर अपने नंबर से खुश नहीं हैं तो उनके लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। वहीं, जो छात्र-छात्रा परीक्षा में पास नहीं कर पाते हैं उनके लिए अलग से कंपार्टमेंटल परीक्षा होगी। जैक इसकी तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद जैक की ओर से जारी होने वाले गाइडलाइन में इसके प्रावधान किए जा रहे हैं।
9वीं के आधार पर मैट्रिक और 11वीं के आधार पर इंटर का रिजल्ट तैयार होना है। नौवीं और 11वीं में अगर छात्र-छात्राओं को कम अंक आया था तो मैट्रिक और इंटर में भी उसी आधार पर अंक रहेंगे। ऐसे में रिजल्ट के बाद अगर वह अपने अंक से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वह लिखित परीक्षा दे सकते हैं। रिजल्ट बेहतर करने के लिए छात्र-छात्राओं की अलग से परीक्षा ली जाएगी। सीबीएसई ने भी 10वीं के आने वाले परिणाम से अगर छात्र-छात्रा खुश नहीं हैं तो उनके लिए परीक्षा लेने की बात कही है। वहीं, जैक की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी करने पर जो छात्र छात्रा सफल नहीं हो पाते हैं उनके लिए कंपार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जिन एक-दो विषयों में वह पास नहीं हो सके थे उसकी वे परीक्षा दे सकेंगे।
पुराने परीक्षार्थियों के लिए तय करना होगा आधार
मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पुराने परीक्षार्थियों के लिए फिलहाल आधार तय नहीं किया गया है। जैक की कमेटी इसे भी तय करेगी। जो छात्र-छात्रा 2020 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षा और कंपार्टमेंटल दोनों में असफल हो गए थे और 2021 की परीक्षा के लिए आवेदन किया था, उनका रिजल्ट किस आधार पर तय होगा जैक को इसका फार्मूला निकालना होगा। क्या उनका भी रिजल्ट नौवीं और 11वीं के आधार पर तय होगा इस पर भी निर्णय लेना होगा। मैट्रिक में इस साल करीब 19,000 ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जो पिछले साल पास नहीं कर सके थे। वहीं, इंटरमीडिएट में ऐसे छात्र छात्राओं की संख्या 17 हजार के करीब है।