झारखंड की अस्मिता और पहचान को धरातल पर उतारने वाले महान राजनीतिज्ञ तथा “ऑक्सफोर्ड ब्लू” का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा आदिवासी अधिकार एवं उत्थान के मुखर प्रवक्ता थे। वे आदिवासियों की आवाज़ थे। उन्होंने संविधान सभा में देश के सभी आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करते हुए उनके हक के लिए संविधान में व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले जयपाल सिंह मुंडा ने ना सिर्फ संविधान निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया अपितु आज़ाद भारत के सभी आदिवासियों के हक अधिकार के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की तथा अपनी अंतिम सांस तक उनके लिए संघर्ष किया। जयपाल सिंह मुंडा सही मायनों में भारत रत्न के हकदार हैं।
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने झारखण्डी संस्कृति, पंरपरा, भाषा, विषय को सहेजने में अमिट योगदान दिया। देश-दुनिया में उन्होंने झारखंड का मान बढ़ाया। उनका व्यक्तित्व और विचार हमेशा हमें आगे बढ़ने और एक समृद्ध झारखंड निर्माण के लिए प्रेरणा देते रहेंगे।
उक्त बातें अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने मरांग गोमके की जयंती पर जयपाल सिंह स्टेडियम में स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान कही।
आजसू के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने मांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि झारखण्ड की माटी के वीर सपूत मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी ने सदैव आदिवासी हितों की बात की।संविधान सभा में भी उन्होंने कहा था कि “आदिवासियों को अवसरों की समानता मिलनी चाहिए“। मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा झारखण्ड के पहले आदिवासी थे, जिन्होंने विदेश में शिक्षा ग्रहण कर राज्य का मान बढ़ाया था।उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) में हो गया था।आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ। क्योंकि वे 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए थे। नीदरलैंड से वापस लौटने पर उनसे आईसीएस का एक वर्ष का प्रशिक्षण पुनः पूरा करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
श्रद्धांजलि सभा मे प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा, प्रदेश सचिव अजित कुमार, राँची विश्वविद्यालय अध्यक्ष नीतीश सिंह, राहुल तिवारी, अभिषेक शुक्ला, अभिषेक झा, विक्की यादव, जमाल गद्दी, आशुतोष कुमार, प्रशांत, जगत मुरारी, बबलू, प्रेम, विशाल देव, हर्ष, रितिक, सुमित, गौरव, मोंटी, आयुष, अंशु, सुमन, आदि उपस्थित थे।