योगेंद्र महतो झारखंड के एक प्रख्यात राजनेता हैं, जिन्होंने झारखंड की राजनीति में अपना खास स्थान बनाया है। उनका राजनीतिक जीवन सामाजिक न्याय, पिछड़े वर्गों के उत्थान, और आम जनता की सेवा के लिए समर्पित रहा है।
प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
योगेंद्र महतो का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से पूरी की और सामाजिक गतिविधियों में प्रारंभ से ही रुचि ली। समाज के प्रति उनकी समर्पित भावना ने उन्हें राजनीति की ओर प्रेरित किया।
राजनीतिक सफर
योगेंद्र महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) से जुड़े हुए हैं। उन्होंने गोमिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए विधायकी का पद संभाला। उनके नेतृत्व में क्षेत्र में कई विकास कार्य हुए। शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास में उन्होंने अहम योगदान दिया है।
चुनौतियाँ और संघर्ष
2018 में, कोयला चोरी के एक मामले में उनका नाम सामने आया और उन्हें अदालत द्वारा तीन साल की सजा सुनाई गई। इसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी। हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपने राजनीतिक सफर को रुकने नहीं दिया। उनका मानना है कि जनता की सेवा करने का कार्य किसी भी परिस्थिति में नहीं रुकना चाहिए।
उपलब्धियां और योगदान
योगेंद्र महतो ने झारखंड में पिछड़े वर्गों के लिए काफी काम किया है। जनवरी 2024 में उन्हें झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह उनके नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। इस भूमिका में वे राज्य में पिछड़े वर्गों के हितों को सुनिश्चित करने और उनके विकास के लिए काम कर ही रहे थे की फिर 2024 में उन्होंने फिर से अपनी किस्मत गोमिया से विधानसभा चुनाव में आजमाया और उन्हें जनता ने अपना समर्थन भी दिया।
फिर उन्हें हेमंत सोरेन के मंत्री मंडल में उन्हें झारखंड के उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्रालय की जिम्मेवारी सौंपी गई।