झारखंड अभिभावक संघ की ओर से निजी स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन”सात वार-सात गुहार” के छठे दिन मंगलवार को संघ के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाया गया। इसके तहत ट्विटर ,फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से निजी स्कूल प्रबंधन के शोषण की जानकारी प्रचारित-प्रसारित की गई।
अभिभावकों ने अपने-अपने घरों से प्ले कार्ड के माध्यम से मौन धरना भी दिया। साथ ही अपनी मांगों को ट्विटर के जरिए सीएम को टैग कर “वॉइस अगेंस्ट स्कूल फी” ट्वीट व रिट्वीट कर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए हस्तक्षेप की मांग की। इस दौरान वॉइस अगेंस्ट स्कूल फीस ट्रस्ट द्वारा अभिभावक हित में चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में निजी स्कूलों के शोषण के बारे में लोगों को जागरूक किया गया।
निजी विद्यालय शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद करे, विभागीय पत्रांक 1006 दिनांक 25/06/2020 का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित हो,
ऑनलाइन क्लास से वंचित छात्रों को प्रताड़ित करना बंद करें, सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो, झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू करने, शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने, अभिवावकों का दोहन बंद करने, पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन करने, सभी तरह के निजी विद्यालयों का ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करने आदि से संबंधित मांगें फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब पर प्रचारित-प्रसारित की गई।
संघ के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि इस मुहिम के तहत राज्य के हर जिले से हजारों ट्वीट, रीट्वीट कर अभिभावकों ने अपनी परेशानियों से सत्ता पक्ष और विपक्ष को अवगत कराया है।
श्री राय ने कहा कि राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों के दवाब में काम कर रही है। इन्हें अभिभावकों की परेशानियों से कोई मतलब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि अब अभिभावक चुपचाप बैठने वाले नही हैं। कुंभकर्णी निद्रा में सोई सरकार को जगाएँगे।
इस अभियान में कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय,महेन्द्र राय,रविसंकर कुमार, डॉ पुष्पा श्रीवास्तव, दीपक शर्मा,पिंटू मिश्रा, विकास सिन्हा, लाल ओंकार नाथ शाहदेव, अमित कुमार, सुभाष सिन्हा, अमित मिश्रा, अमित शरण ओमप्रकाश ,देवानंद राय,पंकज कुमार सहित सैकड़ों अभिभावकों ने भाग लिया। श्री राय ने बताया कि “सात वार सात गुहार” कार्यक्रम के तहत सातवें दिन बुधवार को झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मु को पोस्टकार्ड भेजकर हस्तक्षेप की मांग करेंगे।