Sunday, May 5, 2024
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झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ झारखंड प्रदेश के नए अध्यक्ष देवनारायण प्रजापति बने


झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ ,झारखंड प्रदेश का एकदिवसीय प्रदेश अधिवेशन विधायक क्लब रांची में संपन्न हुई इस अधिवेशन का अध्यक्षता महासंघ के पूर्व अध्यक्ष सह माटी कला बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष श्री श्री चंद प्रजापति ने की इस अधिवेशन के मुख्य अतिथि महासंघ के संरक्षक सह बेरमो के माननीय पूर्व विधायक श्री योगेश्वर महतो थे संचालन विक्रम महतो एवं शंभू प्रजापति ने किया सर्वप्रथम अतिथियों का माला पहनकर एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया अधिवेशन में अध्यक्षिय भाषण से श्रीचंद प्रजापति ने की 2017 से अब तक महासंघ के द्वारा किए गए कार्यों का प्रतिवेदन महासंघ के सदस्यता प्रभारी सह माटीकला बोर्ड के निवर्तमान सदस्य श्री ईश्वर चंद्र प्रजापति ने रखी सभी जिलों एवं मंचासीन अतिथियों के द्वारा सर्वसम्मति से श्री देवनारायण प्रजापति गोमिया को प्रदेश अध्यक्ष के लिए निर्वाचित किया गया जिसका कार्यकाल आगामी तीन वर्षों तक होगी इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु कोर कमेटी के सदस्य गण श्री संजय पंडित ,पप्पू पंडित धनबाद, गंगाधर प्रजापति इंद्रदेव प्रजापति 73 प्रजापति जमशेदपुर नीरज प्रजापति रांची तुलसी प्रजापति विनोद पंडित पलामू नरेंद्र प्रजापति, हजारीबाग ,राजेंद्र पंडित लक्ष्मण पंडित दुमका पुना बेसरा, सिमडेगा, के अलावा सभी 24 जिला के जिला अध्यक्ष धनबाद मोहन कुंभकार, गिरिडीह दीपक पंडित, कोडरमा भुवनेश्वर पंडित, साहिबगंज पिंटू पंडित, पाकुड़ गणेश पंडित, दुमका गणपति पाल, जामताड़ा रामस्वरूप पंडित, बोकारो शेखर प्रजापति, रामगढ़ राधा विनोद प्रजापति अधिवेशन को सफल बनाने में धनबाद के संजय कुमार प्रजापति, शिव कुमार, मुकेश प्रजापति, वीरेंद्र प्रजापति आदि शामिल रहे।

कार्यक्रम में मुख्य बिंदु पर प्रस्ताव लेने की सहमति बनी है- 1बायोलॉज में आंशिक रूप से कुछ संशोधन करना चाहिए,
2 झारखंड माटी कला बोर्ड का पुनर्गठन की मांग एवं साथ ही साथ न्यूनतम 100 करोड़ प्रतिवर्ष बजट प्रावधान के साथ सरकार से मांग,3 झारखंड में कुम्हार जाति पिछड़ी जाति के श्रेणी में आते हैं पिछड़ी जातियों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाए,4 जनसंख्या के अनुपात वर्तमान परिस्थितियों में राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए,5 लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए बैंक खाता को सुचारू रूप से चलाया जाए,6 पूर्व के प्रस्तावित 13 सूत्री मांगों के लिए आंदोलन एवं सरकार से मांग करना,7 बचे हुए सभी जिलों का पुनर्गठन आने वाले दिनों में पूरा किया जाए।

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