झारखंड में आयोजित JSSC-CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की जांच कर रही CID को अब आम लोगों से महत्वपूर्ण जानकारियां मिल रही हैं। CID द्वारा सार्वजनिक अपील के बाद, 40 से अधिक शिकायतें व्हाट्सएप चैट, फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग के रूप में प्राप्त हुई हैं। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इन साक्ष्यों की गहनता से जांच की जा रही है।
गड़बड़ी की शिकायतें और जांच
CID ने पेपर लीक और कदाचार की जांच को मजबूत करने के लिए अभ्यर्थियों और आम जनता से सबूत साझा करने का आग्रह किया था। प्राप्त सभी साक्ष्यों को जांच प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा रहा है। जेएसएससी की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया कि 21 और 22 सितंबर को आयोजित परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी थी। हालांकि, इसके बाद सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और फोटो वायरल किए गए, जो विवाद का कारण बने।
जांच के लिए एसआईटी का गठन
पहली एफआईआर रातू थाने में दर्ज की गई थी, जबकि दूसरी शिकायत CID को मिली। डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर CID डीआईजी संध्या रानी मेहता की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस टीम में CID और रांची पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो पेपर लीक से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच करेंगे।
हाईकोर्ट के आदेश और आगामी सुनवाई
यह मामला झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता प्रकाश सिंह की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति दीपक रोशन की खंडपीठ ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है।
संभावित खुलासे
CID अब तक मिले सभी साक्ष्यों की बारीकी से जांच कर रही है। उम्मीद है कि इन शिकायतों और सबूतों की मदद से परीक्षा से जुड़ी अनियमितताओं का पर्दाफाश हो सकेगा, जिससे परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।