महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पश्चिम सिंहभूम जिले में “शिशु शक्ति टेक होम राशन (THR)” योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। शनिवार को राज्य के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने चक्रधरपुर में 10 लाभार्थियों को शिशु शक्ति राशन किट वितरित कर इस योजना का उद्घाटन किया।
कुपोषित बच्चों के लिए खास किट
यह विशेष किट 6 महीने से 6 साल तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें ऊर्जा, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की प्रचुरता है। यह किट स्थानीय अनाज, दाल, मेवे और मिलेट्स (मोटे अनाज) से बनाई गई है ताकि बच्चों को उनकी आयु के अनुसार उचित पोषण दिया जा सके। यह बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
योजना के विस्तार की संभावना
इस पायलट प्रोजेक्ट के परिणामों का अध्ययन करने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। यह पहल THR समिति की सिफारिशों पर आधारित है। समिति का गठन झारखंड राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक की अध्यक्षता में किया गया है और इसमें यूनिसेफ और रिम्स के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का तकनीकी सहयोग प्राप्त है।
आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण योजना
फिलहाल महिला और बाल विकास विभाग झारखंड के 38,523 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक लाभार्थियों को हर महीने पूरक पोषण प्रदान करता है। 3 से 6 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में हर दिन गरम पका हुआ भोजन दिया जाता है। हाल ही में बच्चों के आहार में अंडे को भी शामिल किया गया है।
यह योजना राज्य में कुपोषण को दूर करने और बच्चों के स्वस्थ विकास की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। शिशु शक्ति टेक होम राशन का यह प्रयास झारखंड में पोषण के स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
फिलहाल महिला और बाल विकास विभाग झारखंड के 38,523 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक लाभार्थियों को हर महीने पूरक पोषण प्रदान करता है। 3 से 6 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में हर दिन गरम पका हुआ भोजन दिया जाता है। हाल ही में बच्चों के आहार में अंडे को भी शामिल किया गया है।
यह योजना राज्य में कुपोषण को दूर करने और बच्चों के स्वस्थ विकास की दिशा में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। शिशु शक्ति टेक होम राशन का यह प्रयास झारखंड में पोषण के स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।