उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित व्यवस्था लागु किए जाने का राँची के सांसद संजय सेठ ने स्वागत किया है।
श्री सेठ ने कहा है कि यह फैसला निश्चित रुप से एक कड़ा संदेश है। ऐसे लोग जिन्हें देश की व्यवस्था से कोई मतलब नहीं है। जो बेतहाशा जनसंख्या बढ़ाने के लिए जिम्मेवार है। उनके लिए यह फैसला साफ सन्देश है। लोगों को समझना चाहिए कि जब हमारे पास संसाधन सीमित हैं, चाहे वह प्राकृतिक संसाधन हों या मानवनिर्मित संसाधन। ऐसी परिस्थिति में सामान्य समझ आम नागरिकों को भी दिखानी चाहिए, जब हम समझदारी नहीं दिखाते हैं तो सरकार को कानून बनाना पड़ता है। हमने देखा है अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि प्रकृति, पर्यावरण और हम सब के लिए बड़ा संकट बन चुकी है। बढ़ती जनसंख्या का परिणाम हमारे दैनिक जीवनचर्या पर पड़ने लगा है। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत ही साहसिक और स्वागत योग्य कदम उठाया है। इससे पूर्व असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा जी ने इसे सख्ती से लागू भी कर दिया। यह बहुत जरूरी है कि अब हर राज्य कानून बनाने की दिशा में पहल करें। दो से अधिक बच्चे रखने वालों को हर सरकारी सुविधा से वंचित किया जाए। यदि हमने इस गंभीर मामले में थोड़ी कठोरता नहीं दिखाई तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ़ नहीं करेगी। ऐसी स्थिति में झारखण्ड सरकार से मेरा आग्रह है कि इस दिशा में कठोर कदम उठाएं और जनसंख्या नियंत्रण कानून यहां भी लागू किया जाए। इसका ड्राफ्ट तैयार हो। ऐसे लोग जो इस कानून को नहीं मानें उन्हें सरकारी सुविधा से वंचित किया जाए।
श्री सेठ ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान भी यह मामला भारत सरकार के समक्ष रखा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि देश में अविलंब जनसंख्या निमंत्रण कानून लागू किया जाए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुखद और सुनहरा भविष्य दे सकें।