Wednesday, May 1, 2024
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नगर आयुक्त मुकेश कुमार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं-डॉ. आशा लकड़ा

मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। 27 सितंबर को होने वाली रांची नगर निगम परिषद की बैठक में जिन एजेंडों पर उचित कारण बताते हुए रोक लगाई गई थी, उसे नगर आयुक्त शब्दों का खेल कर परिषद की बैठक में जोड़ चुके हैं।

परिषद की बैठक में कार्यवृत्त संख्या-09 के तहत शिव शंकर कुमार सहायक अभियंता के संविदा अवधि विस्तार से संबंधित एजेंडा को जोड़ा गया है। इस कार्यवृत्त संख्या की जानकारी देते हुए कहा गया है कि शिव शंकर कुमार रांची नगर निगम में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। इनकी संविदा नियुक्ति विज्ञापन के द्वारा सूचना निर्गत कर साक्षात्कार के उपरांत की गई है। इनकी संविदा अवधि दिनांक 11.03.2021 को समाप्त हो रही है। इसलिए शिव शंकर कुमार की संविदा अवधि दिनांक 12.03.2021 से एक वर्ष के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव है। मेयर ने कहा कि सहायक अभियंता शिव शंकर कुमार की संविदा अवधि दिनांक 11.03.2021 को समाप्त हो चुकी है, न कि समाप्त हो रही है। इस संबंध में नगर आयुक्त को संविदा की अवधि समाप्त होने से पूर्व ही फरवरी माह में संविदा अवधि विस्तार से संबंधित प्रस्ताव देना चाहिए था। फरवरी माह से लेकर अब तक रांची नगर निगम परिषद व स्थाई समिति की कई बैठकें हुई, जिसमें इस प्रस्ताव को क्यों नहीं लाया गया? अब 06 माह बाद इस प्रस्ताव को परिषद की बैठक में लाने का क्या औचित्य है? 06 माह तक किसके आदेश से सहायक अभियंता शिव शंकर कुमार रांची निगम में कार्य करते रहे। 11 मार्च 2021 को संविदा अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें अब तक का वेतन किसके आदेश से भुगतान किया जा रहा है। क्या रांची नगर निगम में संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा अवधि कब समाप्त हो रही है, इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जाती है? आखिर नगर आयुक्त को 06 माह बीत जाने के बाद सहायक अभियंता शिव शंकर कुमार की संविदा अवधि विस्तार करने की याद कैसे आई। क्या इस लापरवाही के लिए रांची नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं। यदि इसी प्रकार संविदा पर नियुक्त कर्मियों को संविदा अवधि विस्तार दिया गया तो भविष्य में नई परिपाटी की शुरुआत होगी। इसलिए रांची नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के लिए रांची निगम गलत परिपाटी को प्रश्रय नहीं देगा।

नगर आयुक्त ने कार्यवृत्त संख्या-11 के तहत रांची नगर निगम क्षेत्र के आवंटित जोन-ए व जोन-बी में पोल की गिनती व दर निर्धारित करने का प्रस्ताव भी शामिल किया है, जिस पर 06 सितंबर को ही रोक लगा दी गई थी। नगर आयुक्त ने इस प्रस्ताव में जानकारी दिया है कि जोन-ए में 869 व जोन-बी में 2782 विद्युत पोलों पर कियोस्क विज्ञापन के लिए निविदा के माध्यम से उच्चतम बोली प्रथम वर्ष के लिए 2,36,43982 रुपये विज्ञापन शुल्क कर अतिरिक्त व लाइसेंस फीस 13,11,000 रुपये के आधार पर मेसर्स गैलेक्सी कंसल्टेंसी को आवंटित कर एकरारनामा किया गया है। परंतु निविदा प्राप्त होने के बाद मेसर्स गैलेक्सी के द्वारा विद्युत पोल की संख्या कम होने की बात कही गई है। नगर आयुक्त व विधि शाखा के निर्देश पर पुनः आवंटित जोन-ए व ज़ोन-बी के विद्युत पोल की गिनती कराई गई। इस क्रम में थर्ड पार्टी एजेंसी अभियंत्रण शाखा में कार्यरत एजेंसी WAPCOS, विद्युत शाखा व मेसर्स गैलेक्सी कंसल्टेंसी के प्रतिनिधि के माध्यम से विद्युत पोल की गिनती कराने वक आदेश दिया गया, परंतु WAPCOS के प्रतिनिधि विद्युत पोल की गिनती में शामिल नहीं हुए। विद्युत शाखा व मेसर्स गैलेक्सी के प्रतिनिधि ने आवंटित ज़ोन-ए व ज़ोन-बी में विद्युत पोल की गिनती की गई। इस क्रम में ज़ोन-ए में 628 व ज़ोन-बी में 1453 विद्युत पोल की पुष्टि की गई। निविदा के समय ज़ोन-के तहत 869 व जोन-बी के तहत 2782 अर्थात कुल 3651 विद्युत पोल पर कियोस्क विज्ञापन के लिए 2,3643,982 रुपये की राशि निर्धारित की गई थी। परंतु वर्तमान में विद्युत शाखा की रिपोर्ट के आधार पर ज़ोन-ए में 628 व जोन-बी में 1453 अर्थात 2081 विद्युत पोल पर कियोस्क विज्ञापन के लिए 1,36,79,372 रुपये की राशि निर्धारित की गई है। वर्तमान में कई गई विद्युत पोल की गणना के आधार पर एकरारनामा की राशि 99,64,610 रुपये कम है।

नगर आयुक्त के इस प्रस्ताव पर मेयर ने कहा कि मेसर्स गैलेक्सी को आवंटित पोल की गणना करने के बाद तीन बार निविदा निकली गई थी। अब निविदा प्रक्रिया पूरा करने के बाद एजेंसी को आवंटित विद्युत पोल की संख्या 3651 की जगह 2081 बताई जा रही है। बाजार व विद्युत शाखा की इस लापरवाही से रांची नगर निगम को लगभग एक करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति होगी। संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण की गई गलती से राजस्व में हुई क्षति की भरपाई कौन करेगा। क्या रांची नगर निगम के विद्युत व बाजार शाखा में निर्धारित जोन के तहत विद्युत पोल की संख्या की जानकारी नहीं रखी जाती है। यदि संबंधित शाखा के अधिकारी सरकारी दस्तावेज में निर्धारित जोन के तहत विद्युत पोल की संख्या से संबंधित जानकारी नहीं रखे हैं तो यह बहुत बड़ी लापरवाही की गई है। इस गलती के लिए संबंधित शाखा के अधिकारी दोषी हैं या जान बूझकर मेसर्स गैलेक्सी कंसल्टेंसी को फायदा पहुंचाने की नीयत से विद्युत पोल की संख्या को कम दर्शाया जा रहा है। इस प्रस्ताव के तहत दी गई जानकारी से यह प्रतीत हो रहा है कि रांची नगर निगम में बड़ा घोटाला करने की साजिश की जा रही है।

इधर, नगर आयुक्त ने परिषद की बैठक से संबंधित एजेंडा में करमा उत्सव से संबंधित प्रस्ताव को भी शामिल कर दिया है, जबकि करमा उत्सव 17 सितंबर को ही सम्पन्न हो चुका है। अब 27 सितंबर को होने वाली परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को लाने का क्या उद्देश्य है? मेयर ने कहा कि करमा उत्सव की तैयारी को लेकर 06 सितंबर को ही नगर आयुक्त मुकेश कुमार को पत्राचार कर निर्देश दिया गया था कि विभिन्न वार्डों में अखरा की साफ-सफाई व डस्ट गिराने की व्यवस्था से संबंधित प्रस्ताव को 13 सितंबर को होने वाली परिषद की बैठक में शामिल किया जाए। परंतु नगर आयुक्त ने आदिवासी विरोधी नीति के तहत परिषद की बैठक नहीं कराई। अब इस प्रस्ताव को उन्होंने सोमवार को होने वाली परिषद की बैठक में शामिल किया है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। मेयर ने यह भी कहा कि करमा उत्सव के दौरान क्या कार्य कराए गए, इसकी न तो जानकारी दी गई और ना ही इस संबंध में पार्षदों की अनुशंसा का उल्लेख किया गया है। ऐसे में यह मामला सीधे तौर पर पैसों का खेल प्रतीत हो रहा है। करमा उत्सव के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल करने की नीयत से ही इस प्रस्ताव को परिषद की बैठक में शामिल किया गया है।

मेयर ने यह भी कहा कि लगभग दो वर्ष से रांची नगर निगम परिषद व स्थाई समिति की बैठक से मीडिया प्रतिनिधियों को दूर रखा गया है। इस कारण परिषद व स्थाई समिति की बैठक में की गई चर्चा से संबंधित बातें प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक नहीं पहुंच पा रही है। विधान सभा व संसद के सत्र की कार्यवाही में भी मीडिया प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है, ताकि विधान सभा व संसद के सत्र में कई गई चर्चा पारदर्शिता के साथ मीडिया के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसलिए रांची नगर निगम परिषद की बैठक में भी मीडिया के प्रतिनिधि शामिल होंगे तो बैठक में की गई चर्चा पारदर्शिता के साथ आम लोगों तक पहुंच पाएगी। अतः प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से आग्रह है कि वे सोमवार को रांची नगर निगम परिषद की बैठक में शामिल होकर पारदर्शिता के साथ बैठक की कार्यवाही को आम लोगों तक पहुचाएं।

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