झारखंड सरकार के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने गणतंत्र दिवस के मौके पर गुमला जिले में सिरा सीता राजकीय मेला और जतरा की तिथि की घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह पवित्र मेला सिरसी-ता-नाले (दोन) दव डहरे एकना में 3 फरवरी 2025 को आयोजित किया जाएगा। मंत्री ने यह भी बताया कि इस मेले को माघ पंचमी के शुक्ल पक्ष के दिन की धार्मिक मान्यता को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है। अब से इस मेले का आयोजन हर साल इसी दिन होगा।
चमरा लिंडा ने गुमला जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मेले की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। इस मेले को झारखंड सरकार के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग ने राजकीय मेला/जतरा का दर्जा दिया है। पहले यह मेला 5 और 6 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाला था, लेकिन अब इसे 3 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
मंत्री ने बताया कि मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिनके सुगम आवागमन, पेयजल, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधाएं, यातायात प्रबंधन और विधि-व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से मेले में सम्मिलित होकर इसे सफल बनाने की अपील की।
पद यात्रा का आयोजन और योजनाओं की चर्चा
इस पवित्र मेले के महत्व को बढ़ाने के लिए रांची से अतिथियों का पद यात्रा के माध्यम से आगमन होगा। इस यात्रा को मेले की गरिमा में वृद्धि का प्रतीक माना गया है। प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री ने कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं और उनकी प्रगति के बारे में भी चर्चा की।
गैर-कानूनी गतिविधियों पर सख्ती
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की गैर-कानूनी गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा। उन्होंने जनता से सरकार की विकास योजनाओं में सहयोग करने का आह्वान किया।
सिरा सीता मेला न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जिसे राज्य सरकार के समर्थन से नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।