रांची शहर की सड़कों पर रोज़ हज़ारों कहानियाँ जन्म लेती थीं—कुछ अख़बारों में छपती थीं, और ज़्यादातर धूल में खो जाती थीं। इन्हीं कहानियों को आवाज़ देने का सपना देखा एक युवा पत्रकार ने, जिसने बड़ा नाम नहीं, बल्कि बड़ा असर छोड़ने की ठानी।
2018 की सर्दियों में, जब लोग बड़े मीडिया चैनलों की चमक-दमक में उलझे थे, तब एक छोटी-सी वेबसाइट शुरू हुई—The Ranchi News। साधारण कैमरा, धीमा इंटरनेट और बहुत कम संसाधनों के साथ, टीम ने रांची की सच्चाई दिखाने की ज़िद ठानी।
पहली ख़बर थी: “राँची में पेयजल संकट पर आंदोलन”। किसी ने ध्यान नहीं दिया… सिवाय उन गाँव वालों के, जिनकी आवाज़ पहली बार इंटरनेट पर पहुँची थी।
धीरे-धीरे Instagram पर उनके छोटे वीडियो वायरल होने लगे—चाय वाले की कहानी, स्कूल बंद होने का दर्द, और सड़क पर गड्ढों की लाइव कवरेज। The Ranchi News एक प्लेटफ़ॉर्म नहीं, आवाज़ बन गया।
आज भी, जब बड़ी खबरें TRP के पीछे भागती हैं, The Ranchi News उन खबरों को उठाता है जो आम आदमी से जुड़ी हैं।
क्योंकि उनके लिए पत्रकारिता सिर्फ काम नहीं, ज़िम्मेदारी है।
और रांची की हर गली उनकी खबर है।