उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में पोषण माह 2021 के सफल संचालन को लेकर विभिन्न मीडिया संस्थान के प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला का आयोजन एसटीपीआई (Software Technology Parks of India) जसीडीह में किया गया। इस कार्यशाला के दौरान मीडिया की भूमिका पर विस्तृत चर्चा करते हुए पीपीटी के माध्यम से पोषण माह के तहत किये जा रहे कार्यों और किये जाने वाले कार्यों से अवगत कराया गया। साथ हीं पोषण अभियान के सफल संचालन को लेकर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए गर्भवती महिलाओं, माताओं, किशोरियों , बच्चों के पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करने के उदेश्यों से सभी को अवगत कराया गया। वहीं कार्यशाला के दौरान विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव व इस दिशा में बेहतर करने के उपयोगी तरीकों से सभी को अवगत कराया।
इसके अलावे कार्यक्रम के दौरान सभी को संबोधित करते हुए उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के सफल संचालन व क्रियान्वयन को लेकर जनभागीदारी और आपसी समन्वय की आवश्यकता है, ताकि अपने समाज और जिले से कुपोषण की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके। ऐसे में लोगों को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं कार्यशाला आयोजन का मुख्य उदेश्य भी यही है कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पोषण के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। साथ हीं उपायुक्त ने कहा कि जनभागीदारी और समाज के हर तबके के लोगों, मीडिया बन्धुओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों, कर्मचारियों की भागीदारी को शत प्रतिशत सुनिश्चित करते हुए ही समाज से व्याप्त कुपोषण को दूर किया जा सकता है। आगे उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालना है। आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ एक संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है कि समाज के वंचित एवं कमजोर वर्ग के लोगों तक कुपोषण के कारणों की जानकारी आसानी से पहुंचाई जाए। दूसरी तरफ बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्वच्छता और साफ सफाई के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक करने का प्रयास सही तरीके से किया जाए, ताकि शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करते हुए जीवन में पोषण के महत्व को बताया जा सके।
भोजन से है पोषण का नाताः- उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि अपने भोजन को पोषण से भरपूर बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप उसमें दैनिक तौर पर प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, खनिज-लवण और एंटी ऑक्सिडेंट्स की संतुलित मात्रा शामिल करें। अपने भोजन में उन चीजों को शामिल करें, जिनमें आपको पोषण देने वाली ऐसी तमाम चीजें पर्याप्त मात्रा में हैं। खाने से सही पोषण पाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप यह जानें कि किस चीज को किस रूप में खाना ज्यादा फायदेमंद है। खुद को स्वस्थ रखने के लिए काबोर्हाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, विटामिन, खनिज लवण सबकी संतुलित मात्रा होना जरूरी है। आज के समय में मड़ुआ, उसना चावल के अलावा हमें भोजन के रूप में अपने पुरानी जीवनशैली को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि सही पोषण हमारे शरीर को मिलता रहें।
स्वस्थ जीवन शैली पोषण का आधार- उपायुक्त
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि पोषण माह के तहत 1 से 30 सितंबर तक अभियान के तहत रोजाना प्रखंड, पंचायत स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को सही मायनों में जमीनी स्तर पर पोषण के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इसे एक माह का अभियान न समझते हुए कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि सही मायने में जिले को कुपोषण मुक्त किया जा सके। इस अभियान द्वारा बच्चों में ठिगनापन, कम वजन, जन्म के समय बच्चे का कम वजन का होना, बच्चे-बच्चियों में एनीमिया को कम करना है। इस अभियान के तहत बच्चों को स्तनपान कराने के लिए माताओं को जागरूक करना है। छोटे बच्चों के पूरक पोषाहार के सबंध में बताना है और उनके परिजनों को इससे जुड़ी जानकारी से अवगत कराना है, ताकि सही मायनों में कुपोषण मुक्त समाज व जिला की परिकल्पना को साकार किया जा सके।
किचन गार्डन की पद्धति को अपने घरों में शुरू करने की आवश्यकता- उपायुक्त
इसके अलावे कार्यशाला के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा है कि कुपोषण की वजह से किसी भी पुरूष, महिला व बच्चे का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है, जिससे उनके कार्य करने की क्षमता भी घटती है और इसका दुष्परिणाम उस व्यक्ति के साथ उसके परिवार, समाज को प्रभावित करता है। ऐसे में आज हम सभी के लिए आवश्यक है पोषण माह के तहत हर घर में पोषण त्योहार की गूंज उठे। हर घर में आज जंक फूड, बाहर के खाने का प्रचंलन बढ़ता जा रहा है, जो की हमारे शरीर के लिए अत्यंत नुकसानदेह है। वर्तमान में आवश्यक है कि हम अपने खान-पान में अपनी पुरानी जीवनशैली को अपनाए और उसका पालन करें, ताकि शरीर को सही तरीक़े से पोषण मिलता रहें। आज हेल्दी डाइट चार्ट ना सिर्फ रोगी के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि सभी लोगों को इससे लाभ मिलता है, क्योंकि दैनिक आहार तालिका का पालन कर आप खुद के साथ अपने परिवार को भी स्वस्थ बना सकते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास एवं वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। भोजन से विभिन्न पौष्टिक तत्व मिलते हैं, जैसे- प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण, विटामिन्स और जल आदि। पौष्टिक तत्व आपके शरीर में पोषण स्तर को बनाए रखता है ताकि आप स्वस्थ रहें। इसलिए ना केवल जीवित रहने के लिए, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है। साथ हीं उन्होंने कहा की सरकार गर्भ से लेकर बच्चों के व्यस्क होने तक पोषण संवर्द्धन कार्यक्रम चला रही है। इसके बावजूद भी समाज के कई स्तरों पर शिशु एवं मातृ कुपोषण की स्थिति विद्यमान है। इसकी मूल वजह है जनभागीदारी और जागरुकता की कमी है। लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न कर इस स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि 1 से 6 वर्ष के बीच के बच्चों को तथा धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त बनाना ही इस अभियान का उद्देश्य है। उन्होंने आगे कहा कि पोषण अभियान को एक जन आंदोलन की तरह चलाने के उद्देश्य से आप सभी का सहयोग जिला प्रशासन को आपेक्षित है, ताकि देवघर जिले को पूर्ण रूप से कुपोषण मुक्त बनाया जा सके।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्री परमेश्वर मुण्डा, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार, डीआरसीएचओ डॉ0 मंजूला मुर्मू, जिला आपूर्ति पदाधिकारी श्री अमित कुमार, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकरी श्री रोहित कुमार विद्यार्थी, सोशल मीडिया पब्लिसीटी ऑफिसर सुश्री सुधा राज, विभिन्न प्रखण्डों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, विभिन्न संस्थानों के मीडिया प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संस्थानों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि आदि के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।