राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे है। हमारे यहाँ वैज्ञानिकों व आविष्कारकों की कमी नहीं है, उन्हें जानने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कभी हमारे यहाँ के नालंदा विश्विद्यालय में पढ़ने हेतु विदेशों से भी विद्यार्थी आते थे और आज विदेशों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिये जाने की होड़ लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद विदेशों से आयात करना पड़ता है। पोटाश बनाने का कच्चे माल पास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद विदेशों पर निर्भर कर रहे हैं। राज्यपाल आज सी.एस.आई.आर.- केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद के प्लैटिनम जुबली समारोह के अवसर पर वैज्ञानिकों एवं संस्थान के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने सी.एस.आई.आर.-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद से जुड़े सभी वैज्ञानिकों, पदाधिकारियों व कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि जब वे केंद्र सरकार में खान मंत्री थे तो उन्होंने देश के विभिन्न संस्थानों का भ्रमण कर उसके कार्यप्रणालियों का अवलोकन किया लेकिन सी.एस.आई.आर. के इस संस्थान में नहीं आ पाये थे। प्रसन्नता है कि यह संस्थान विगत 75 वर्षों से खनन और संबंधित उद्योगों के क्षेत्र में अपनी भूमिका का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहा है। लेकिन इस संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि हमारा देश अन्वेषण के क्षेत्र में बहुत आगे है और सतत प्रयास करने होंगे व निरन्तर खोज व नई-नई तकनीकों पर शोध करते रहना होगा। हमारे वैज्ञानिकों को अन्वेषण की ओर सतत प्रयासरत रहना होगा। उन्होंने लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रेम रखने हेतु आह्वान किया। माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर सी.एस. आई.आर.- केन्द्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद प्लैटिनम जयंती स्मारक का लोकार्पण किया। उक्त समारोह में माननीय सांसद श्री पशुपति नाथ सिंह, पद्मभूषण डा० विजय कुमार सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग, प्रो. इ. एस. द्वारकादास, अध्यक्ष, रिसर्च कॉउंसिल, सी.एस.आई.आर.-सी.आई.एम.एफ.आर. व संस्थान के निदेशक श्री प्रदीप कुमार सिंह, उपायुक्त, धनबाद श्री संदीप सिंह तथा कई वैज्ञानिक व शोधार्थी एवं सम्मानित अतिथिगण मौजूद थे।