झारखंड में एक नई पहल के तहत राज्य के 6 जेलों के बाहर पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई गई है। इन पेट्रोल पंपों पर अच्छे आचरण वाले कैदियों को काम करने का अवसर दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनके पुनर्वास को बढ़ावा देना है। इस योजना से होने वाली आय का उपयोग कैदियों की सहायता और उनके कल्याण के लिए किया जाएगा।
शुरुआती चरण में 6 जेल शामिल
पहले चरण में जिन जेलों को चुना गया है, उनमें जमशेदपुर का केंद्रीय कारा घाघीडीह, गिरिडीह, दुमका, चाईबासा, चास और खूंटी के उपकारा शामिल हैं। इन जेलों के अधीक्षकों को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के सर्वे में सहयोग करने और भूमि से संबंधित जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। पेट्रोल पंप का संचालन जेलकर्मियों की निगरानी में होगा, और यहां गाड़ियों में ईंधन भरने का कार्य अच्छे आचरण वाले कैदी करेंगे।
मुख्य सड़कों के पास चुने गए स्थान
पेट्रोल पंप के लिए उन स्थानों का चयन किया गया है जो मुख्य सड़कों के किनारे स्थित हैं। प्रत्येक पंप के लिए 30X30 मीटर भूमि की आवश्यकता होगी। इससे पहले झारखंड पुलिस के जैप-1 परिसर में भी एक पेट्रोल पंप सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
पुलिस इकाइयों में विस्तार की योजना
झारखंड की अन्य पुलिस इकाइयों में भी पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई जा रही है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देशानुसार इसके लिए सर्वेक्षण चल रहा है। यह पहल न केवल कैदियों के लिए रोजगार सृजन का माध्यम बनेगी बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक प्रभावी कदम भी साबित होगी।