यह कहानी है डॉक्टर रमण किशोर की, जो आज “गांव के डॉक्टर” के नाम से पहचाने जाते हैं। एक समय ऐसा आया जब उन्हें अपनी मां को सिर्फ इसलिए खोना पड़ा क्योंकि समय पर इलाज नहीं मिल सका। इस दर्दनाक अनुभव ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। उन्होंने ठान लिया कि अब वे गरीब और जरूरतमंद लोगों का इलाज बिना किसी शुल्क के करेंगे।
आज डॉक्टर रमण किशोर अब तक 36,000 से अधिक जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त इलाज कर चुके हैं। उनके इस सेवा भाव ने उन्हें गांव-गांव में लोकप्रिय बना दिया है। लोग अब उन्हें केवल एक डॉक्टर नहीं, बल्कि मसीहा की तरह देखते हैं।
डॉ. रमण को इस राह पर चलने की प्रेरणा बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव से मिली, जिनका समाज सेवा के प्रति समर्पण उन्हें बेहद प्रभावित करता है। उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे भी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना योगदान देंगे।
डॉ. रमण किशोर का मानना है कि अगर समाज में किसी अच्छे कार्य की सराहना की जाए, उसे प्रमोट किया जाए, तो और लोग भी प्रेरित होंगे और आगे आकर कुछ अच्छा करने की कोशिश करेंगे।
आप भी समाज में अच्छे काम करने वाले लोगों का हौसला बढ़ा सकते हैं। उनके लिए कुछ लाइनें लिखना, सोशल मीडिया पर साझा करना या उनके प्रयासों को सराहना देना—यह छोटी सी कोशिश भी बहुत बड़ा असर डाल सकती है।