लोग शराब पीकर झूमते हैं लेकिन झारखंड का उत्पाद विभाग आज पहले महीने का राजस्व संग्रह देखकर झूम उठा. राज्य में एक मई से शराब की नई नीति लागू हुई है. उद्देश्य था. ज्यादा से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति, और हुआ भी बिल्कुल वैसा ही. उत्पाद विभाग ने नई शराब नीति के पहले ही महीने में 188 करोड़ की राजस्व प्राप्ति की है जो अबतक का रिकार्ड है.जानकारी देते हुए उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि नई शराब नीति के बाद पहले महीने का राजस्व काफी उत्साह बढाने वाला है. लिहाजा चालू वित्तिय वर्ष का लक्ष्य 2200 करोड़ रखा गया है.
आज उत्पाद भवन में विनय कुमार चौबे मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पहले शराब की ब्रिक्री पर राजस्व ली जाती थी. इस नीति को बदलकर अब शराब के उठाव पर ही राजस्व ली जाने लगी जिसका फायदा यह हुआ है कि सरकार के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है.
विनय कुमार चौबे ने जानकारी दी है कि पहले एक ही एजेंसी के जिम्मे कई प्रकार के काम थे लेकिन अब नई शराब नीति में विभाग में वर्चस्व खत्म करने की कोशिश हुई है और हर काम के लिए अलग –अलग ऐजेंसी का चयन किया गया है. मैन पावर के लिए अलग – अलग एजेंसी है तो सिक्योरिटी गार्ड के लिए अलग एजेंसी. लोगो निर्माण के लिए अलग एजेंसी को काम दिया गया है.
प्रेमप्रकाश से संबंधित एक सवाल पर विनय कुमार चौबे ने कहा कि यह मामला 2017 का है.उनकी जानकारी में ऐसी चीजें आज ही आयीं है लिहाजा वो इसका संज्ञान लेते हैं.
ब्रांडेड शराब और बीयर की कमी पर विनय कुमार चौबे ने कहा कि गर्मी के दिनों में बाहर से बीयर आने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि यह संकट ठीक वैसा ही जैसे भारत की सरकार ने अन्य देशों को गेंहूं के निर्यात पर रोक लगा दी. हमें भी बाहर के राज्य से इस वक्त बीयर नहीं मिल रहे हैं.
इधर, उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने कहा है कि यदि किसी व्यक्ति को किसी दुकान से एमआरपी के अलावे ज्यादा दाम पर शराब मिलता है तो वो विभाग के व्हाट्स नंबर 62004-82331 और 62004 – 59412 पर डायल करके या मैसेज भेजकर शिकायत कर सकता है.