झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर में कहर बरपाने वाले डेल्टा म्यूटेंट के बाद अब डेल्टा प्लस म्यूटेंट ने चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल और मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस की पुष्टि होने के बाद झारखंड को सावधान करते हुए विशेष एहतियात बरतने को कहा है। रांची के रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार बताते हैं कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन ही इससे बचाव है। लापरवाही नहीं बरतें।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को भेजे गये पत्र में कहा है कि डेल्टा प्लस के कारण तीसरी लहर के आने की आशंका है। ऐसे में इसकी रोकथाम के उपायों पर जोर देने जरूरत है। इसके लिए केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर कोरोना जांच करने, कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सघन और त्वरित कांटैक्ट ट्रेसिंग कर जांच करने एवं टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा है। केंद्र सरकार ने आगाह किया है कि भीड़ को रेाकने एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करें।
झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान (अप्रैल से 9 जून 2021) जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए 364 सैंपल भुवनेश्वर (आईएलएस) भेजे गये थे। इसमें से 90 प्रतिशत यानी 328 सैंपल में डेल्टा, कप्पा, अल्फा समेत आठ म्यूटेंट मिले थे। चिंता ये है कि 362 में से 62.19 प्रतिशत (204) सैंपल में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
झारखंड के पांच जिले रांची, जमशेदरपुर, धनबाद, हजारीबाग और पलामू से भेजे गये 328 सैंपल में से 204 में डेल्टा, 63 में कप्पा, 29 में अल्फा और 32 में अन्य वेरिएंट मिले हैं। डेल्टा वैरिएंट के मामले सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 86, हजारीबाग में 39, धनबाद में 32, रांची में 26, व पलामू में 21 मामले मिले हैं।