महागठबंधन की सरकार जब से सत्ता में आई है तब से अपने सभी घोषित वादों से मुंह फेरती नज़र आ रही है। महागठबंधन में शामिल दलों द्वारा चुनाव पूर्व किये वादों को ताक पर रख कर झारखंडी युवायों के अस्मिता और भविष्य के साथ अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) खेलने नहीं देगी। उक्त बातें अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष अब्दुल जब्बार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार द्वारा चुनाव पूर्व किये वादे से अवगत कराएगी आजसू।
अब्दुल जब्बार ने कहा कि एक भी नियुक्ति या भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने से पूर्व सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राज्य सरकार पूर्व में घोषित स्थानीय नीति को ही सही मानती है या स्थानीय नीति में संशोधन का विचार रखती है? वर्तमान में नियोजन नीति भी राज्य में रद्द है, ऐसे में किस नियोजन नीति के तहत मुख्यमंत्री साहब अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ करने का आदेश दे रहें है यह स्पष्ट होना चाहिए ।
स्थानीय व नियोजन नीति में संशोधन की मांग आजसू लंबे समय से करते आ रही है। जो झारखंडी युवाओं के भावना के अनुकूल हो। बिना नियोजन नीति स्पष्ट किये एक भी नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ करना युवाओं के साथ छलावा है। मुख्यमंत्री युवाओं को राजनीति का विषय न बनाते हुए पोलटिकल बयानों से बाहर आकर नियुक्ति के आधार स्थानीय व नियोजन नीति पर झारखंडी अस्मिता के अनुरूप कार्य करें।
यह इसलिए भी आवश्यक बन जाता है क्योंकि वर्तमान महागठबंधन की सरकार के सत्ता में आने का मुख्य आधार ही सरकार बनते ही स्थानीय एवं नियोजन नीति को झारखंडी जनमानस के हित मे बनाने का वादा रहा था। परन्तु बीते 17 महीने के कार्यकाल कार्यकाल में हेमंत सरकार एक भी कदम इन वादों को पूरा करने की ओर नहीं चल पाई है। अपने किये वादे से कोषों दूर नज़र आ रही है। यह सरकार की सत्ता लोभी मानसिकता को उजागर करती है। सरकार की इसी मानसिकता का विरोध मुख्यमंत्री साहब के पसंदीदा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर युवाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। आजसू झारखंड के उन सभी युवाओं के साथ है जो मुख्यमंत्री द्वारा घोषित नियुक्ति वर्ष में नियुक्ति पाने को आंदोलनरत हैं।