Saturday, April 27, 2024
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विपक्ष पर CM सोरेन का बड़ा हमला, दलित-पिछड़ों के पास होने से मनुवादियों के पेट में दर्द

विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में जेपीएससी विवादों के लेकर किए जा रहे विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को पलटवार किया। कहा- जेपीएससी एक स्वतंत्र संस्था है। सरकार के हस्तक्षेप के कारण ही जेपीएससी की परीक्षाओं पर प्रश्न चिह्न लगते आये हैं। इस जेपीएससी में सरकार ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। सदन में बैठा कोई भी इस बात की पुष्टि करके दिखा दे कि सरकार ने जेपीएससी को प्रभावित करने का प्रयास किया है। सीएम ने कहा कि आज आदिवासी, दलित, पिछड़ा अन्य सभी कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी आगे आ रहे हैं तो इन (विपक्ष की ओर से इशारा) मनुवादी लोगों के पेट में दर्द हो रहा है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग अनेक विषयों पर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष को विपक्ष डिक्टेट नहीं कर सकता। सदन में कब क्या आएगा और क्या नहीं यह सत्तारूढ़ दल की चिंता का विषय है। जेपीएससी से जुड़ी पुरानी बातों को कुरेदना मेरे स्वभाव में नहीं है। बीते सरकार के कार्यकाल में हमने विपक्ष में रहते जेपीएससी का मामला उठाया था। उस जेपीएससी का हश्र यह है कि उसके अध्यक्ष आज जेल में हैं। कई न्यायिक जांच के दायरे में हैं।  पांच सालों में पिछली सरकार न तो जेपीएससी की परीक्षा ले पाई और न  रिजल्ट निकाल सकी। 

सीएम ने कहा कि जब रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थी सामान्य कैटेगरी में जगह बनाए हैं तो इसमें सरकार की क्या गलती है। सामान्य कोटि के अभ्यर्थी कम उत्तीर्ण हुए। जेपीएससी में पहली बार आदिवासी, पिछड़ा, दलित वर्ग के बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों ने अपना भाग्य आजमाया। जब आयोग से अभ्यर्थियों को उनकी जिज्ञासा शांत करने के लिए बुलाया जाता है तो उसमें भी बच्चे नहीं आते हैं। 

रघुवर को जेपीएससी और जेएसएससी का अंतर नहीं पता

सीएम ने कहा कि अभी की जेपीएससी की स्थिति यह है कि पहली बार देश में इतने बड़े पैमाने पर अभ्यर्थीपरीक्षा में शामिल हुए। क्योंकि इस बार जेपीएससी में निशुल्क फार्म भरने का अवसर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर कटाक्ष सीएम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कहीं कह रहे थे कि जेपीएससी का मुद्दा गरमाया हुआ है। उन्हें तो जेपीएससी और जेएसएससी का अंतर तक पता नहीं है। 

विहिप के नौजवानों को धरना पर बैठाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाड़े के लोगों को बुला कर धरना दिलाया जा रहा है। आंदोलन कर रहे लोगों को पिछले दरवाजे से फाइनेंस कर रहे हैं। अनाज, तेल, पानी, नमक पहुंचाते हैं और अपने विश्व हिंदू परिषद के नौजवानों को धरना पर बैठाते हैं। विपक्षी को इंगित करते हुए सीएम ने कहा कि इन लोगों के पाप का ठिकरा हम अपने कंधे पर ढो रहे हैं। इन्होंने सहायक पुलिस कर्मियों को पांच साल कठपुतली की तरह नचाया। आज उनके लिये मार्ग प्रशस्त करने की जिम्मेदारी हमारी है। सीएम ने विपक्ष की ओर से इशारा करते हुये कहा कि इन्होंने 15-16 वर्षों तक सरकार चलाया, लेकिन पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान नहीं कर पाए। ऐसी डबल इंजन की सरकार जिसकी बोगी में पैसेंजर नाम का कोई था ही नहीं। 

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