Saturday, May 4, 2024
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भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने गुमला जिले के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा से मुलाकात की

सोमवार को भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने घाघरा थाना क्षेत्र की जन समस्याओं के समाधान को लेकर गुमला जिले के उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा से मुलाकात की। इस दौरान पीड़ित परिवार के लोग भी उपस्थित थे। भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री ने उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा से कहा कि घाघरा थाना क्षेत्र के तीन पीड़ित परिवार के लोग रोजगार/नियुक्ति की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, फिर भी उन्हें अब तक न तो रोजगार मिला और ना ही नियुक्ति। उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के सभी जिलों में आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन कर जन समस्याओं के समाधान का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के कुछ लोग कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर सरकारी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, फिर भी उनकी मांगों पर अब तक अमल नहीं किया गया। राज्य सरकार से संबंधित लोग रोजगार व अनुकंपा पर नियुक्ति की मांग ही तो कर रहे हैं। राज्य सरकार ने भी सत्ता संभालते ही हर बेरोजगार को रोजगार देने का वादा किया था। साथ ही रोजगार नहीं मिलने पर हर माह बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। परंतु राज्य सरकार के रवैये से तो यही लगता है कि हेमंत सरकार राज्य के लोगों से वादाखिलाफी कर रही है। इधर, उपयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार की मांग जल्द से जल्द पूरी की जाएगी।

भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. आशा लकड़ा जिन पीड़ित परिवारों की समस्या के समाधान के लिए गुमला जिले के उपायुक्त से मिलने पहुंची थीं, वे इस प्रकार हैं :

केस नंबर-1
घाघरा थाना क्षेत्र के बनियाडीह गांव स्थित टोंगरी टोली निवासी मुकेश मुंजनी लोहरा की 20 वर्षीय पुत्री बालमूती और 26 वर्षीय सुधीर लोहरा जन्म से ही मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। रोजगार के अभाव में वे अपने दिव्यांग बच्चों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने श्रमायुक्त से रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की थी। 24 अक्टूबर 20201 को श्रमायुक्त ने उपायुक्त को पत्र लिखकर मुकेश मुंजनी लोहरा को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में उचित पहल करने का आग्रह किया था। परंतु उपायुक्त ने अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की।

केस नंबर-2
घाघरा थाना क्षेत्र के चुंदरी गांव निवासी कार्तिक उरांव बेरोजगार व दिव्यांग हैं। बीए इकोनॉमिक्स, डीसीए व डीएलएड की डिग्री होने के बावजूद वे बेरोजगार हैं।

केस नंबर-3
उग्रवादी हिंसा में घाघरा थाना क्षेत्र के बुडहु गांव निवासी सुमदेव उरांव की मृत्यु हो गई थी। उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति व स्वीकृति प्रदान करने के लिए जिला स्थापना सह उप समाहर्ता ने पुलिस अधीक्षक को 16 दिसंबर को पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से उन्होंने पुलिस अधीक्षक से दिवंगत सुमदेव उरांव के विरुद्ध 17 सीएलए के तहत दर्ज थाना कांडों की सूची/विवरणी उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। पत्र के जवाब में 14 अक्टूबर 2021 को पुलिस अधीक्षक ने अपर समाहर्ता को पत्र लिखकर जानकारी दिया कि दिवंगत सुमदेव उरांव के विरुद्ध गुमला जिला के विभिन्न थानों में 17 सीएलए एक्ट के अलावा पूर्व से कोई कांड दर्ज नहीं है।

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