Tuesday, May 7, 2024
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Homeझारखंडराजतंत्र की हार हुई, लोकतंत्र जीता हैं: बन्ना गुप्ता

राजतंत्र की हार हुई, लोकतंत्र जीता हैं: बन्ना गुप्ता

700 से ज्यादा किसानों की हत्या करने वाली मोदी सरकार ने भारी जनआक्रोश के कारण आगामी चुनावों को देखते हुए ये निर्णय लिया हैं जिसने साबित किया हैं कि तीनों काले कानून सिर्फ प्रधानमंत्री जी के उद्योगपति मित्रों को खुश करने के लिए लाए गए थे और ये किसानों को गुलामी की ओर ले जाने वाला षडयंत्र था जिसे असफल किया गया हैं।

आश्चर्यजनक हैं कि प्रधानमंत्री जी ने एमएसपी पर कुछ नहीं कहा, इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिए कुछ नहीं कहा, आंदोलन से हुए नुकसान के लिए अन्नदाताओं और आम जनता को हुए तकलीफों के लिए कुछ नहीं कहा।देश के किसानों की आय दुगुनी कैसे दुगुनी हो इस पर कुछ नहीं कहा?किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार होने पर भी क्यों स्वीकार नहीं किया?तीनों काले कानून के लिए जो देश की संसद का बहुमूल्य वक्त और पैसा बर्बाद किया हैं इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं?

देश के प्रधानमंत्री के जुमलेबाजी और झूठ फरेब की राजनीति का परिणाम हैं कि देश की जनता के साथ ही देश के किसानों को भी प्रधानमंत्री जी पर भरोसा नहीं रहा हैं इसलिए तो प्रधानमंत्री जी के घोषणा के बाद भी किसान संगठनों ने कहा कि आंदोलन तब तक खत्म नहीं करेंगे जब तक संसद में लाकर इसे संवैधानिक तौर पर निरस्त न किया जाए।देश ने देखा है कि किस तरह नोटबंदी के नाम पर, काला धन लाने के नाम पर, भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर प्रधानमंत्री जी ने देश को धोखा दिया है और झूठ बोला हैं इसलिए ही उनके खिलाफ आज किसानों को उनके घोषणा पर भरोसा नहीं हैं।

मैं हमारे नेता राहुल गांधी जी समेत इस तीनों काले कानून के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वाले सभी लोगों और हमारे अन्नदाता किसानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ।

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