माकपा का झारखंड राज्य सचिव मंडल ने भाजपा सरकार के नीति आयोग और वित्त मंत्रालय द्वारा घोषित आत्मघाती एनएमपी परियोजना को राष्ट्रीय संपत्ति की लूट की परियोजना बताते हुए इसके खिलाफ व्यापक अभियान चलाए जाने का आह्वान किया है.
यह परियोजना हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को तबाह करने के साथ – साथ मजदूर वर्ग और देश के मेहनतकशों को दरिद्रता के दलदल मे धकेल देगा साथ ही देश मे खतरनाक स्तर पर पहुंच गयी बेरोजगारी के अंधरे को और गहरा कर देगा.
इस परियोजना के अंतर्गत देश का 26 हजार 700 किलोमीटर राजमार्ग, 400 रेलवे स्टेशन, 150 ट्रेन, 42 हजार 300 सर्किट किलोमीटर ऊर्जा संचरण लाइन, 5000 मेगावाट का जल, पवन और सौर उर्जा संयंत्रों की परिसंपत्ति, 8000 किलोमीटर नेशनल गैस पाइप लाइन, इंडियन आयल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की 4000 किलोमीटर पाइपलाइन, वीएसएनएल और एमटीएनएल के हजारों टावर, 21 हवाई अड्डे और 31 बंदरगाह, 160 कोयला खनन की परियोजनाएं, भारतीय पर्यटन विकास निगम के 9 बड़े होटल एवं 2 बडे खेल स्टेडियमों को औने पौने कीमत पर कार्पोरेट घरानों के हवाले किया जाएगा.केंद्र सरकार के अधिकृत वक्तव्य मे इस परिसंपत्ति से 6 लाख करोड़ रुपये की राशि आने की बात कही जा रही है जबकि इन परिसंपत्तियों का मुल्य इससे कई गुणा ज्यादा है. केंद्र सरकार का यह कदम राष्ट्रीय संपत्ति की लूट का अपराधिक कारनामा है जिसे बर्दास्त नही किया जा सकता है.
माकपा मजदूर वर्ग समेत सभी देशभक्त शक्तियों से अपील करती है कि मोदी सरकार द्वारा देश की संपदा की लूट और इस प्रकार की राष्ट्र विरोधी साजिशों के खिलाफ एक मजबूत और लगातार चलने वाले प्रतिरोध आंदोलन को तेज करें.