Friday, April 26, 2024
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हेसागढा स्थित झामुमो के पार्टी कार्यालय में संथाल हूल दिवस मनाया गया

हेसागढा स्थित पार्टी कार्यालय में संथाल हूल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संथाल विद्रोह के महानायक वीर शहीद सिद्धू-कानहू, चांद-भैरव, फुलो-झानो के तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धाजंली दी गई। इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव फागू बेसरा ने कहा है कि देश की आजादी की जंग सिपाही विद्रोह 1857 के पहले संथाल विद्रोह में हजारों लोग शहीद हुए थे। परन्तु इतिहासकारों ने इसका उपेक्षा की गई है।

जल, जंगल एवं जमीन की रक्षा के लिए संथाल विद्रोह हुआ था। संथाल विद्रोह में बिट्रीस हुकूमत की नींव हिल गई थी। अंग्रेजों ने इस विद्रोह के कारण ही जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए कानून बनाना पड़ा था। आजाद भारत में आज हमारी भूमि कितना सुरक्षित है, मंथन करने की अवाश्यकता है। देश के विकास के नाम पर औधोगिकरण एवं प्राकृतिक संसाधनों की दोहन खनिज के खनन से विस्थापित कर भूमिहीन किया गया है। सी. एन. टी. एक्ट एवं संथाल परगना टेनेंसी एक्ट रहने के बावजूद हमारी भूमि लुटी गई है। आदिवासियों के भू-वापसी एवं विस्थापन को लेकर सरकार कभी गम्भीर नहीं हुई है। अभी भी भूमि से बेदखल करने की साजिश चल रही है।

अपने जल, जंगल जमीन की रक्षा के लिए हूल दिवस में संकल्प लेने का दिन है। अपने अधिकार के लिए पुनः एक और हूल की जरूरत है।
हूल दिवस समारोह में झामुमो के वरिष्ट नेता रामचंद वर्मा, पन्नालाल मुर्मू, राजेश बेसरा, नीरज भोगता, सुनिल शर्मा, नरेंद्र रविदास, अरविंद मुर्मू, दिनेश हंसदा, मुर्शींलाल मांझी, सनु मदन सोरेन, अभिषेक कुमार, सनाउलाह अंसारी शामिल आदि लोग शामिल थे।

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