रिपोर्ट- संजय कुमार
खलारी।एनके एरिया के केडीएच एवं डकरा के साइडिंग मैनेजर एवं एरिया सेल्स आफिसर के लापरवाही से सीसीएल को लाखो का प्रतिमाह लग रहा है चुना। यह बातें एरिया के सीटू नेता शैलेश कुमार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है।
उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों से केडीच एवं डकरा साइडिंग में एलबी के नाम पर गोरख धंधा चल रहा है। साइडिंग मैनेजर एवं सेल्स मैनेजर के लापरवाही के चलते साइडिंग में कोयला नहीं रहने पर भी रेलवे द्वारा रैक भेज दिया जाता है,ताकि एलबी के नाम पर सीसील से लाखो रुपए रेलवे वसूलते रहे।रेलवे के इस जबरदस्ती पर साइडिंग मैनेजर,एवं सेल्स आफिसर मौन साधे रहते है,जबकि उनकी जिम्मेदारी है कि साइडिंग में कोयला उपलब्ध रहे तब ही रैक मंगवाए,और इसकी रेगुलर पत्राचार धनबाद डिवीजन से करते रहे,लेकिन ऐसा नहीं होता है।
इसके अलावा इन अधिकारियों के लापरवाही एवं अकर्मण्यता के चलते प्रति दिन सामान्य रैक में भी 2से 6 घंटा तक एलबी लग रहा है। केडीएच से 2-3रैक एवं डकरा से 1-2 रैक प्रतिदिन डिस्पैच होता है ,अगर एक रैक में 3घंटा ही एल बी माने तो 3 रैक के हिसाब से 9 घंटा प्रतिदिन एलबी लग रहा है,एक घंटे एलबी का चार्ज 8700रुपए है,वह भी ज्यादा घंटा होने पर चार्ज बढ़ जाता है,लेकिन 8700 ही मानते है तो 8700×9 =78,300 का होता है। कुल महीने का 30 दिन के हिसाब से 23,49,000 तेईस लाख उन्नचास हजार प्रतिमाह एनके एरिया को इन अधिकारियों के लापरवाही के चलते चुना लग रहा है।
उधर साइडिंग मैनेजर प्रमोद ककाडिया ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि जो भी आरोप लगाया गया है वह पूरी तरह बेबुनियाद है। मेरे कार्यकाल में कंपनी और रेलवे के बीच बेहतर तालमेल कर कंपनी हित मे मुनाफा दिया हूं। ऐसी गलत आरोप से काम करने वाले का मनोबल गिरता है।