Friday, April 26, 2024
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ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के कप्तान महान हॉकी खिलाड़ी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा खेल,शिक्षा,राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में थे अव्वल

1928 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के कैप्टन झारखंड निवासी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की आज 120 वीं जयंती पर हॉकी सिमडेगा के द्वारा खिलाड़ियों के साथ मिलकर जयपाल सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई ।इस मौके पर आज हॉकी सिमडेगा के द्वारा गोंडवाना खेल छात्रावास के प्रांगण में हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी हॉकी, फुटबॉल एवं तीरंदाजी खिलाड़ियों ने सामूहिक रूप से पुष्पांजलि देकर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की ।

इस मौके पर हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी ने उपस्थित खिलाड़ियों को महान हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया ।उन्होंने कहा महान हॉकी खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता थे। वे एक जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ‘ऑक्सफोर्ड ब्लू’ का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। वे विदेशो के विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के साथ झारखंड के खूंटी लोकसभा क्षेत्र से स्वतंत्र भारत के प्रथम सांसद चुने गए थे और इस क्षेत्र से वे लगातार तीन बार सांसद रहे।भारत 1928 के ओलंपिक में उन्हीं की कप्तानी में पहला ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।

हॉकी सिमडेगा के कमलेश्वर मांझी जी ने भी खिलाड़ियों को जयपाल सिंह मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा बहुत ही विद्वान थे उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) में हो गया था। आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ क्योंकि वह 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए थे। गोंडवाना छात्रावास के शिक्षक अनुज बेसरा ने कहा की आदिवासियों के विकास के लिए जयपाल सिंह बहुत ही सराहनीय कार्य किये थे।1938 जनवरी में उन्होंने आदिवासी महासभा की अध्यक्षता ग्रहण की जिसने बिहार से इतर एक अलग झारखंड राज्य की स्थापना की मांग की। इसके बाद जयपाल सिंह देश में आदिवासियों के अधिकारों की आवाज बन गए। उनके जीवन का सबसे बेहतरीन समय तब आया जब उन्होंने संविधान सभा में बेहद वाकपटुता से देश की आदिवासियों के बारे में सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखी।जिसके इतिहास को में पढ़ने की जरूरत है और उनके अनुसार संगठित होने की आवश्यकता है।

उपस्थित खिलाड़ियों के बीच मिठाई का भी वितरण किया गया।आज मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती पर जलडेगा प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में भी हॉकी सिमडेगा का एक कार्यक्रम था परंतु कल अचानक उस इलाके से आधा दर्जन कोरोना पॉजिटिव की खबर मिलने के बाद आज का कार्यक्रम वहां स्थगित कर दिया गया।

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