झारखंड हाईकोर्ट द्वारा छठी सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट लिस्ट को अवैध करार देने के बाद अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। कहा है कि अब छठी सिविल सेवा की पूरी परीक्षा प्रक्रिया को रद्द करने में अब और देर नहीं होना चाहिए। इसे रद्द कर नए सिरे से नियुक्ति विज्ञापन निकाले जाएं। साथ ही, इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अफसरों को दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में फिर कोई ऐसी गड़बड़ी न कर सके। अभ्यर्थी एस इमाम आदि ने उपरोक्त बातें कहीं। कहा कि परीक्षा रद्द नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
यूपीएससी एग्जाम ले :
अभ्यर्थी उमेश प्रसाद ने कहा कि हर बार जेपीएससी की परीक्षाएं विवादित हो जाती हैं। इसलिए, राज्यपाल से आग्रह है कि अभ्यर्थियों के हित में सिविल सेवा परीक्षा यूपीएससी को सौंप देनी चाहिए।
फर्स्ट-सेंकेंड परीक्षा की जांच कर रही सीबीआई :
सीबीआई गड़बड़ियों के चलते जेपीएससी की फर्स्ट और सेकेंड सिविल सेवा परीक्षा की जांच कर रही है। एक परीक्षा आयोजित करने में आयोग को पांच-पांच वर्ष लग जाते हैं। 21 वर्ष में मात्र छह परीक्षाएं ही आयोजित हुई हैं।