राजधानी रांची में गुरुवार को चौक-चौराहों पर लगाए गए कुछ पोस्टर की वजह से शहर का माहौल कुछ देर के लिए खराब हो गया. लोगों को संभालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हुए हमले का आरोपी भैरव सिंह की कई जगह बड़े होर्डिंग्स और पोस्टर लगाए गए थे. इससे सरना समाज के साथ-साथ आम लोग भी आक्रोशित हो गए. लोगों ने पोस्टर को तुरंत हटाने के लिए सड़क जाम करने की धमकी दी. सरना समिति के सचिव रवि तिग्गा ने कहा कि निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के आरोपी पर राजद्रोह का मामला बनता है और ऐसा आदमी हाथ में सरना धर्म का झंडा लिए पोस्टर में दिख रहा है. इससे सरना धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है. सरना समिति ने भैरव सिंह और पोस्टर लगाने वालों पर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज करने की मांग की.
क्यों आक्रोशित है सरना समाज ?
सरना समिति के सचिव रवि तिग्गा ने कहा कि निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के आरोपी पर राजद्रोह का मामला बनता है और ऐसा आदमी हाथ में सरना धर्म का झंडा लिए पोस्टर में दिख रहा है. इससे सरना धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है. सरना समिति ने भैरव सिंह और पोस्टर लगाने वालों पर धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज करने की मांग की.
जानकारी मिलते ही हरकत में आई पुलिस
रांची के सहजानंद चौक, किशोरगंज चौक, अरगोड़ा, लालपुर सहित कई जगहों पर इसी तरह के पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए जाने की खबर मिलते ही रांची पुलिस हरकत में आ गई. नगर निगम की इनफोर्समेंट टीम को बुलाकर ऐसे सभी होर्डिंग्स को हटाया गया. अरगोड़ा थानाध्यक्ष बिनोद कुमार ने बताया कि सरना मामले में विधिवत कार्रवाई की जाएगी. रांची नगर निगम के इनफोर्समेंट अफसर संतोष कुमार ने कहा कि सभी जगह से ऐसे पोस्टरों को हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे पोस्टर लगे होने की सूचना नहीं मिली थी.
कौन है भैरव सिंह ?
24 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमला हुआ था. इस मामले में भैरव सिंह को आरोपी बनाया गया है. उसने सिविल कोर्ट में सरेंडर किया था और इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. 26 जुलाई को कोर्ट ने भैरव सिंह को जमानत दी थी.