डकरा खलारी (रांची)// एक जमाने में कलकल करती बहने वाली सोनाडूबी नदी देखते ही देखते नाले में तब्दील हो गई। अब नदी का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गयी हैं। इसकी गहराई घटती जा रही है और दायरा भी सिमट जा रहा है। परंपरागत जल श्रोत खत्म हो गयी है। सिर्फ बरसात के मौसम में इसकी धारा बहती है बाकी मौसम में नदी नाले में तब्दील होकर कोयला खदान, ट्रांसपोटिंग रोड, और गैरेज से निकलने वाला गंदा व काला पानी बहते दिखाई पड़ती है।
ऐसे मिटती गयी नदी का पहचान
सोनाडुबी नदी दामोदर नदी के सहायक नदी है। यह नदी चान्हो थाना क्षेत्र के नकटा पहाड़ से निकलकर खलारी के हृदय स्थल लगभग 30 किलोमीटर तय कर दामोदर कुटकी दो मुहान में दामोदर में मिलती है। इसकी नदी की लंबी धारा फिलहाल सिकुड़ गयी है। 80 के दशक में केडीएच कोयला खदान के विस्तारीकरण के दौरान छेड़ छाड़ कर कई बार धारा बदला गया। खदान से निकले गये ओबी मिट्टी पत्थर नदी के तट पर डंप कर दिया गया। बरसात में बहकर ओबी नदी में समाहित होते गया और गहराई धीरे धीरे समाप्त होता चला गया।