Sunday, May 5, 2024
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राजधानी में निर्माणाधीन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर प्रोजेक्ट को रद्द करने के निर्णय पर पुनर्विचार जरूरी-चैंबर

रांची में निर्माणाधीन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर प्रोजेक्ट को रद्द करने के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए आज फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय मंत्री श्री पियूष गोयल को पत्राचार किया। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि रांची में निर्माणाधीन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर प्रोजेक्ट को रद्द किये जाने के निर्णय से राज्य के स्टेकहोल्डर्स हतोत्साहित हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को मूर्तरूप देने हेतु 29 जुलाई 2022 को ही राज्य के स्टेकहोल्डर्स की उपस्थिति में माननीय मुख्यमंत्री जी ने आधारशिला रखी थी। किंतु शिलान्यास के एक माह के उपरांत ही प्रोजेक्ट शुरू होने में विलंब के आधार पर प्रोजेक्ट का रद्द करने का निर्णय अनुचित है। चैंबर द्वारा प्रेषित पत्र में कहा गया कि राजधानी रांची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती मिलने के साथ ही, राज्य का व्यापार, आयात और निर्यात को काफी बल मिलेगा। इसके जरिए लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार उपलब्ध कराने में भी अपेक्षित सहायता मिलेगी। यह आग्रह किया गया कि इस प्रस्तावित ट्रेड सेंटर को निरस्त करने के मंत्रालय के फैसले पर पुनर्विचार कर झारखण्ड प्रदेश के व्यापार हित की प्रगति में इस योजना को जारी रखने की सहमति प्रदान करें।

केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा लागू किये जा रहे कानून को रद्द किया जाय-चैंबर

केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा निर्गत सूचना जिसके तहत भू-जल के समस्त उपयोगकर्ताओं (जो इस निर्देश की परिधि में आते हैं) को सीजीडब्ल्यूए से भू-जल निकालने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने तथा इसकी अंतिम तिथि 30.09.2022 निर्धारित किये जाने से भी व्यापार जगत के बीच बन रही अनिष्चितताओं को देखते हुए आज झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा प्राधिकरण के अध्यक्ष को पत्राचार किया गया। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के उपरांत देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर वापस लौटने की दिशा में अग्रसर है, के दौरान एक अतिरिक्त कानून लागू करने से लोगों (विषेषकर स्टेकहोल्डर्स) पर एक अतिरिक्त कंप्लायंस बर्डेन होगा, जिसकी समीक्षा आवश्यक है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की अवधारणा के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा भी नियमित रूप से कानूनी जटिलताओं का सरलीकरण करने के साथ ही आज के परिप्रेक्ष्य में अनावशयक हो चुके कानूनों को समाप्त करने की दिशा में नित्य नये प्रयास किये जा रहे हैं जिसके साकारात्मक परिणाम भी देखे जा रहे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कानून औचित्यहीन है तथा यह लोगों पर कंप्लायंस का एक अतिरिक्त भार होगा, जिसपर पुनर्विचार करते हुए इस कानून को शिथिल करना उपयुक्त होगा। प्राधिकरण के उक्त निर्देश का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण भी अधिकांश लोग इस निर्देश से अवगत नहीं हैं। यह आग्रह किया गया कि प्राधिकरण के इस निर्देश को तत्काल रूप से रद्द करने की पहल करें। यदि यह कानून आवष्यक हो, तब इससे पूर्व लोगों को जागरूक करने की पहल की जाय।

विदित हो कि उक्त दोनों ही मुद्दों पर आज चैंबर भवन में एक बैठक भी की गई। बैठक में लिये गये निर्णयों के आधार पर पत्राचार निर्गत कर समस्याओं के समाधान का आग्रह किया गया। बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी, सदस्य प्रमोद सारस्वत उपस्थित थे।

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