रिपोर्ट- संजय कुमार
डकरा। एनके एरिया के चुरी भूमिगत कोयला खदान सीसीएल के सबसे महवपूर्ण खदानों में आता है। यहाँ 2019 में 400 करोड़ लागत से खदान में कंटीन्यूअस माइनर मशीन लगा कर उच्च तकनीक से कोयला उत्पादन की शुरुआत की गई है। यहाँ सीसीएल कोयला निकलने का काम जॉय माइनिंग कंपनी दे रखा है। पिछले साल 8 अगस्त को इस भूमिगत खदान में आग लग गई थी औऱ भारी मात्र में गैस का रिसाव होने लगा जिसके कारण खदान को 7 माह तक सील करना पड़ा। सील के बाद सीसीएल आग बुझाने में करोड़ो रूपये खर्च कर पुनः उत्पादन शुरू किया।
कोयला उत्पाद चालू होते ही आंदोलन शुरू –
आधुनिक तरीके से चुरी परियोजना से कोयला उत्पादन शुरू होते ही राजनीतिक दलों, श्रमिक संगठनों, रैयत विस्थापित समितियों के लोगों द्वारा समय-समय पर लोकल सेल को चालू कराने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाता रहा है। लोगो का कहना है लोकल सेल चालू होने से स्थानीय लोगो को रोजगार सृजन होंगे और लोगो का पलायन रुकेगा।
जमीन के बदले नौकरी की मांग करते आ रहे है रैयत-
पिछले धोइया टांड के ग्रामीण अपने जमीन के बदले सीसीएल प्रबंधन से नौकरी की मांग कर रहे है। ज्ञात हो कि रैयत यह लड़ाई पिछले 36 सालों से लड़ रहे हैं वर्तमान महाप्रबंधक के कार्यकाल में कुछ रैयतों के नौकरी का रास्ता साफ हो गया है लेकिन कुछ मामला जमीन यूटीलाइजेशन के निमयों का पेंच में फंस गया है। जिसको लेकर सभी संगठित होकर आंदोलन करने का मन बनाया है।